
अब PNB से लोन लेकर फरार होना नहीं होगा आसान, रिकवरी के लिए बैंक ने उठाया ये बड़ा कदम

नई दिल्ली : ऋण घोटालों के शिकार देश के दूसरे सबसे बड़ा सरकारी बैंक पंजाब नैशनल बैंक (PNB) ने डूबे कर्ज की वसूली के लिए बड़ा कदम उठाया है। बैंक के इस कदम से लोन लेकर फरार होना आसान नहीं होगा।
पीएनबी ने लापता कर्जदारों का पता लगाने के लिये जासूसी एजेंसियों को अनुबंधित करने की प्रक्रिया शुरू की है। बैंक ने इसके लिए ऐसी एजेंसियों से आवेदन आमंत्रित किए हैं। अनुबंधित जासूसी एजेंसियों का काम उन कर्जदारों (सह-कर्जदार) गांरटी देने वालों, उनके कानूनी वारिस का पता लगाना होगा जिनके बारे में कुछ जानकारी नहीं है और उन्होंने जो पता दिया, वहां कोई नहीं रहता।
बैंक ने कहा कि पीएनबी ने जासूसी करने वाली एजेंसियों का पैनल बनाने को लेकर आज आवेदन आमंत्रित किये। इसका मकसद फंसे कर्ज की वसूली में तेजी लाना है। ये एजेंसियां क्षेत्र में कर्ज वसूली के लिये काम कर रहे कर्मचारियों की सहायता करेंगी। इसमें रूचि रखने वाले पक्षों से पांच मई तक आवेदन और जरूरी दस्तावेज देने को कहा गया है।
गौरतलब है कि पीएनबी का फंसा कर्ज दिसंबर 2017 में 57,519 करोड़ रुपये या सकल कर्ज का 12.11 प्रतिशत पहुंच गया। उम्मीद की जा रही है कि बैंक के इस कदम से उसके फंसे कर्ज (एनपीए) में से करीब 1800 करोड़ रुपए की रिकवरी हो जाएगी। इसके तहत कर्ज नहीं लौटाने वाले कर्जधारकों के नाम सार्वजनिक किये जाएंगे।
ऐसी खबर है कि फंसे कर्ज की वसूली को लेकर पीएनबी 'गांधीगिरी' का रास्ता अपनाएगा। इसके तहत बैंक के कर्मचारी डिफॉल्टरों के दफ्तर और कार्यालयों के बाहर शांति से तख्तियां लेकर बैठते हैं। इससे माना जा रहा है कि इस तरह से भुगतान नहीं करने वाले पुराने कर्जदारों को शर्मिंदा कर वह हर महीने 150 करोड़ रुपये के पुराने फंसे कर्ज की वसूली करेगा।
इससे पहले बैंक 1,084 लोगों को जानबूझकर कर्ज न चुकाने वाला (विलफुल डिफॉल्टर ) घोषित कर चुका है। उनसे ऐसे 260 चूककर्ताओं की तस्वीरें अखबारों में भी छपवाई। बैंक ने पिछले कुछ महीने में विलफुल डिफॉल्टर्स के मामले में 150 पासपोर्ट भी जब्त किए हैं। इसके अलावा पिछले 9 महीनों में डिफॉल्टर्स के खिलाफ 37 एफआईआर भी दर्ज कराई गईं।




