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फेड की खबर से शेयर बाजार में मची खलबली, सेंसेक्स 200 तो निफ्टी भी गिरी
शिव कुमार मिश्र
14 Jun 2018 10:31 AM IST

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गुरुवार को सेंसेक्स और निफ्टी की शुरुआत गिरावट के साथ हुई. सेंसेक्स 118 अंक गिरकर 35621 के स्तर पर खुला. वहीं, निफ्टी 34 अंक टूटकर 10822 के स्तर पर आ गया.
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के फैसले से दुनियाभर के बाजारों में कमजोरी देखने को मिली है. भारतीय शेयर बाजारों पर भी इसका असर दिखा. गुरुवार को सेंसेक्स और निफ्टी की शुरुआत गिरावट के साथ हुई. सेंसेक्स 118 अंक गिरकर 35621 के स्तर पर खुला. वहीं, निफ्टी 34 अंक टूटकर 10822 के स्तर पर आ गया.
यूएस फेड द्वारा ब्याज दरें बढ़ाई जाने के बाद यूएस मार्केट कमजेारी के साथ बंद हुए. कल के कारोबार में डाओ 120 अंक लुढ़कर बंद हुआ. एशियाई बाजारों में भी 1 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली है. फिलहाल, सेंसेक्स 191 अंक यानि 0.54 फीसदी की कमजोरी के साथ 35553 के स्तर पर कारोबार कर रहा है. वहीं, निफ्टी 64 अंक की गिरावट के साथ 10,792 के स्तर के करीब कारोबार कर रहा है.
मिडकैप-स्मॉलकैप में भी गिरावट
दिग्गज शेयरों के साथ ही आज स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों में भी कमजोरी दिख रही है. बीएसई का स्मॉलकैप इंडेक्स 0.10 फीसदी गिरकर 17010 के स्तर के आसपास आ गया है. वहीं बीएसई का मिडकैप इंडेक्स 0.12 फीसदी घटकर कारोबार कर रहा है.
किन शेयरों में तेजी, किनमें गिरावट
कारोबार के दौरान डॉ रेड्डीज, सिप्ला, एयरटेल, ल्यूपिन, सनफार्मा, वकरांगी, क्वालिटी, शारदा क्रॉप, पीसी ज्वेलर्स में 1.40 फीसदी की तेजी है. वहीं, एक्सिस बैंक, आईओसी, हिंदुस्तान पेट्रोलियम, अल्ट्राटेक सीमेंट, एसबीआई, ओबेरॉय रियल्टी, रेनुका, माइंडट्री और एमओआईएल में 1.13 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है.
आईटी शेयरों में बिकवाली
रियल्टी, ऑटो और आईटी शेयरों में बिकवाली से बाजार पर दबाव देखने को मिल रहा है. निफ्टी का रियल्टी इंडेक्स 0.27 फीसदी टूट गया है, जबकि निफ्टी के आईटी इंडेक्स में 1.05 फीसदी और ऑटो इंडेक्स में 0.15 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. बैंक निफ्टी 0.34 फीसदी गिरकर 26550 के आसपास नजर आ रहा है. हालांकि, मेटल शेयरों में अच्छी खरीदारी आई है. निफ्टी का मेटल इंडेक्स 0.29 फीसदी बढ़ गया है.
यूएस फेड ने 0.25 फीसदी बढ़ाई दरें
यूएस फेडरल रिजर्व ने बुधवार को ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की है. वहीं, ये संकेत भी दिए हैं कि इस साल दरों में 2 बार और बढ़ोत्तरी की जा सकती है. दरअसल, अमेरिका की अर्थव्यवस्था मजबूत दौर में है. ऐसे में यह भार सहने में कोई परेशानी नहीं होगी. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, दरों में बढ़ोतरी का असर इकोनॉमिक ग्रोथ पर नहीं होगा.
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