आर्थिक

आम लोगों को झटका, खाने के तेल की कीमत में फिर होगी बढ़ोत्तरी

Shiv Kumar Mishra
10 Dec 2021 2:21 PM GMT
आम लोगों को झटका, खाने के तेल की कीमत में फिर होगी बढ़ोत्तरी
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महंगे खाने के तेल से आम लोगों को जल्द राहत नहीं मिलने वाली है. नए साल का आगाज होने वाला है और नए साल में भी उपभोक्ताओं को खाने के तेल खरीदने के लिये ऊंची कीमत चुकानी होगी. माना जा रहा है कि मार्च 2022 के बाद सरसों की नई फसल आने के बाद ही मौजूदा स्तर से खाने के तेल में 7 से 8 फीसदी की कमी आ सकती है.

देश में खाने के तेल की कीमत 200 रुपये के प्रति किलो के पार जा पहुंची है. अंतराष्ट्रीय बाजारों में सोयाबीन, सनफ्लावर, पॉम आयल की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखा जा रहा है जिसके देश में खाने के तेल के दामों में इजाफा देखा जा रहा है. भारत खाने के तेल के खपत का 70 फीसदी आयात करता है.

सरकार ने इंपोर्ट नीति में काफी बदलाव किया है जिसके चलते रिफाईन्ड सोयाबीन आयल की कीमतें 150 रुपये प्रति किलो से घटकर 125 रुपये प्रति किलो पर आई है. Palm Oil की कीमत 140 रुपये किलो से घटकर 120 रुपये और सनफ्लावर ऑयल की कीमत 150 रुपये किलो से घटकर 128 रुपये प्रति किलो पर आ चुकी है.

वहीं मार्च 2022 के बाद सरसों की नई फसल पर सरसों तेल की कीमतें 150 रुपये प्रति किलो तक आ सकती है जो एक समय 200 रुपये प्रति किलो के पार जा पहुंची थी. हालांकि खाने के तेल की कीमतों में इस गिरावट के बावजूद ये 2019 के मुकाबले 25 से 30 फीसदी ज्यादा कीमत पर मिलेगा.


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