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कार्लाइल ग्रुप की भारत पर गिद्ध दृष्टि

Shiv Kumar Mishra
23 Jun 2021 7:45 PM IST
कार्लाइल ग्रुप की भारत पर गिद्ध दृष्टि
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गिरीश मालवीय

दुनिया की जानीमानी प्राइवेट इक्विटी फर्म कार्लाइल ग्रुप भारत के पीरामल समूह की कंपनी पीरामल फार्मा में 20 फीसदी खरीद चुका है, पिरामल समूह मुकेश अंबानी के समधी का है, मुकेश अंबानी की Reliance Industries की रिटेल इकाई Reliance Retail में करीब 2 अरब डॉलर में हिस्सेदारी खरीदने की पेशकश की खबर मार्केट में है, उसके Airtel के डाटा सेंटर बिजनेस में 25% हिस्‍सेदारी की भी खबर है

कार्लाइल अभी जो पीएनबी हाउसिंग में कंट्रोलिंग स्टेक खरीद रहा है उससे PNB बैंक को कम से कम 2,000 करोड़ रुपये का नुकसान होने जा रहा है

अगर आप ध्यान से इंडियन मार्केट को देखे तो पिछले एक डेढ़ सालो में कई अमेरिकी इन्वेस्टर भारत की बड़ी कंपनियों में पूंजी निवेश करते हुए नजर आए हैं

लेकिन कार्लाइल की बात कुछ और हैं कार्लाइल ग्रुप दुनिया की सबसे बड़ी निजी इक्विटी फर्मों में से एक है, जिसका प्रबंधन 18.3 बिलियन डॉलर से अधिक है।कार्लाइल के निवेश में रक्षा ठेकेदारों से लेकर दूरसंचार और एयरोस्पेस कंपनियों तक सब कुछ शामिल है।

कार्लाइल के अधिकारियों में व्यापार और राजनीति की दुनिया के दिग्गज शामिल हैं,अमेरिका के पूर्व रक्षा सचिव, सीआईए के निदेशक यहाँ तक कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश, ब्रिटेन के पूर्व प्रधान मंत्री जॉन मेजर इसके सलाहकार बोर्ड में शामिल हैं लेकिन यह लिस्ट यही तक नही रुकती..…....

ओसामा बिन लादेन के परिवार का पैसा भी इसी कार्लाइल ग्रुप में लगा हुआ है बिन लादेन परिवार ने पहली बार 1994 में कार्लाइल में निवेश किया था, कार्लाइल के एशिया बोर्ड का प्रतिनिधित्व करते हुए, जॉर्ज एच.डब्ल्यू. बुश ने सऊदी अरब के जेद्दा में बिन लादेन परिवार के मुख्यालय का दौरा भी कर चुके हैं

11 सितंबर के हमलों के बाद, कार्लाइल समूह में बिन लादेन परिवार का निवेश कार्लाइल समूह के लिए एक शर्मिंदगी का विषय बन गया था और बिन लादेन परिवार को कार्लाइल के साथ अपने निवेश को समाप्त करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

2004 में मूर ने फ़ारेनहाइट 9/11 के नाम से एक डाक्यूमेंट्री फिल्म भी बनाई यह फिल्मों के आज तक के इतिहास में सबसे ज्यादा कमाई वाली डाक्यूमेंट्री फ़िल्म है जिसने दुनिया भर में यूएस $ 200 मिलियन से अधिक की कमाई की,

इस फ़िल्म में माइकल मूर ने 9/11 के ट्विन टॉवर पर हुए हमले के मद्देनजर जॉर्ज बुश के कार्यकाल की समीक्षा करने का प्रयास किया है

राष्ट्रपति बुश कार्लाइल एशिया सलाहकार बोर्ड के वरिष्ठ सलाहकार थे, अक्टूबर 2003 में उस पद से सेवानिवृत्त हुए।

मूर ने इस फ़िल्म में बताया कि कैसे अमेरिकी मीडिया इराक युद्ध को लेकर गलत रिपोर्टिंग कर रही है, जॉर्ज डब्ल्यू बुश और उनके ओसामा बिन लादेन के परिवार के बीच कथित संबंध भी इसी फिल्म में बताए गए हैं

1990 के दशक के मध्य में कार्लाइल ने अमेरिकी रक्षा कंपनियों को खरीदने और उनके मूल्य को दोगुना या चौगुना करने का काम शुरू कर दिया और सीनियर बुश ने बिन लादेन परिवार को कार्लाइल में पैसा लगाने के लिए प्रोत्साहित किया

कार्लाइल ग्रुप 11 सितंबर 2001 की सुबह वाशिंगटन, डीसी में रिट्ज कार्लटन होटल में अपना वार्षिक निवेशक सम्मेलन आयोजित कर रहा था, तभी 9/11का हमला हुआ, इस बैठक में जेम्स बेकर, जॉन मेजर, जॉर्ज एचडब्ल्यू बुश, शफीक बिन लादेन के साथ मौजूद थे जो ओसामा बिन लादेन का सौतेला भाई है, कार्लाइल के प्रवक्ता का कहना था कि अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति आतंकवादी हमलों से पहले चले गए थे, और प्लेन में हवा में थे

9/11 के हमलों से अमेरिकी डिफेंस कम्पनियो को आने वाले वर्षो में बेतहाशा मुनाफा हुआ कार्लाइल ग्रुप का मुख्य निवेश रक्षा कम्पनियो में ही था और उसी साल दिसंबर में कार्लाइल ने 237 मिलियन डॉलर का एक दिन में प्रॉफिट कमाया।

बिजनेस जर्नलिस्ट डैन ब्रियोडी ने एक किताब लिखी है आयरन ट्राएंगल: इनसाइड द सीक्रेट वर्ल्ड ऑफ द कार्लाइल ग्रुप, इस किताब में कहा है कि कुछ लोगों के अनुसार, कार्लाइल ग्रुप एक ऐसी कंपनी है जो कॉर्पोरेट क्रोनिज्म, हितों के टकराव और युद्ध मुनाफाखोरी का प्रतीक है- और वे सही हो सकते हैं

अगर कार्लाइल ग्रुप भारत मे अपने बड़े इन्वेस्टमेंट कर रहा है सलाहकार के रूप देश के सबसे बड़े निजी बैंक के 25 साल CEO रहे व्यक्ति की नियुक्ति कर रहा है तो इसका मतलब साफ है कि भारत के राजनेताओं को उद्योग जगत को उसे बहुत ध्यान से देखना होगा

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