
सवाल यह है कि कार्लाइल ग्रुप कौन है जो भारत की प्राइवेट कंपनियों की खरीद में इतनी रुचि ले रहा है

गिरीश मालवीय
देश के सबसे बड़े निजी बैंक एचडीएफसी बैंक की 25 साल तक कमान संभालने के बाद ओर मार्केटकैप के आधार पर HDFC ग्रुप देश का सबसे बड़ा समूह बनाने के बाद आदित्य पुरी ने अक्टूबर में रिटायरमेंट ले लिया.
कुछ दिन बाद उन्होंने आश्चर्यजनक रूप से दुनिया की जानी मानी वित्तीय फर्म कार्लाइल ग्रुप में सलाहकार के रूप मे प्रवेश किया, इक्विटी कंपनी ने कहा कि आदित्य पुरी कार्लाइल को एशिया में निवेश अवसरों के बारे में परामर्श प्रदान करेंगे।
इसके ठीक बाद में खबर आई कि कार्लाइल देश के तीसरे सबसे बड़े पंजाब नेशनल बैंक की कम्पनी पीएनबी हाउसिंग में 4,000 करोड़ रुपये के निवेश कर रहा है इस निवेश के बाद पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस में कार्लाइल की हिस्सेदारी लगभग 60 फीसदी हो जाएगी और पीएनबी की हिस्सेदारी 32.6 फीसदी से घटकर 20.3 फीसदी रह जाएगी
यानी पीएनबी हाउसिंग पूरी तरह से विदेशी कंपनी बन जाएगी..... इसके बाद नियामक आयोग सेबी की दो दिन पहले बत्ती जली ओर उसने एक अनूठा कदम उठाते हुए पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस को न केवल प्रस्ताव पर वोटिंग से रोक दिया था, बल्कि यह निर्देश भी दिया था कि इस मामले को नए सिरे से कंपनी के निदेशक मंडल के समक्ष रखा जाए और उसके बाद स्वतंत्र मूल्यांकन के आधार पर निर्णय लिया जाए।
पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस ने सोमवार सुबह सेबी के आदेश के खिलाफ सैट में अपील की ओर मामले की तत्काल सुनवाई करते हुए न्यायाधिकरण की दो सदस्यीय पीठ ने सेबी के आदेश को रद्द करते हुए पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस को मंगलवार को शेयरधारकों की बैठक की अनुमति दे दी।
अब सवाल उठता है कि यह कार्लाइल ग्रुप कौन है जो भारत की प्राइवेट कंपनियों की खरीद में इतनी रुचि ले रहा है कार्लाइल ग्रुप दुनिया की विवादास्पद कम्पनियो में से एक है उसके बारे में विस्तार से जल्द ही अगली पोस्ट में...