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2004Vs2019 : अगर 2019 में भाजपा हारी...तो मेरा शक यकीन में बदल जाएगा!
रवि रावत (फेसबुक से साभार)
1999-2004 के कार्यकाल में भाजपा सरकार ने सरकारी खजाना भर दिया था... देश हित में कई कड़वे निर्णय लिए.. जैसे पेंशन खत्म कर दी... सरकारी खजाने पर ज्यादा बोझ ना बढ़े.. इसके लिए सरकारी ऑफिसों में ठेकेदारी प्रथा शुरू कर दी.. यानि कि जिन कामों के लिए उस समय सरकारी सेलरी 12000 थी... ठेकेदारी प्रथा में 2500 में वो काम लिया जाने लगा.... !
सरकारी खजाना लबालब भरा देख... भाजपा अतिउत्साहित हो गई... परिणामस्वरूप 2004 में 6 महिने पहले ही लोकसभा भंग कर इंडिया शाइनिंग नारे के साथ चुनाव मैदान में उतर गई....! देश की जनता .. सख्त फैसलों से नाराज थी... सरकारी खजाने को भरने के चक्कर में तब भाजपा सरकार ने आम नागरिक को ना सीधा फायदा दिया गया... ऊपर से कई नियम सख्त भी कर दिए.. नतीजा... भाजपा को मुँह की खानी पड़ी.. अटल जी को इससे धक्का लगा और उन्होंने राजनीति से सन्यास ले लिया...!
फिर 2004 में कांग्रेस नेतृत्व में UPA की सरकार बनी...जिसने सरकारी खजाने का भरपूर फायदा उठाया... मनरेगा जैसी जनकल्याणकारी योजना लागू करवाई गई.... और इस आड़ में कांग्रेसी नेताओं ने जमकर मलाई बनाई.... 2009 चुनाव से पहले किसानों का कर्ज माफ किया... क्योंकि खजाना जो लबालभ भरा था... इसी कर्जा माफी की बदौलत कांग्रेस ने 2009 में आम चुनावों में जमकर सीटें जीतीं... फिर तो कांग्रेस ने दोनों हाथों से लूट खसोट की... उद्योगपतियों को जमकर कर्ज बांटा.... NGOs को कमीशन पर फंड दिया ......
2014 तक सरकारी खजाना... रसातल पर आ गया... फिर आई मोदी सरकार.... उसने 2018 तक सरकारी खजाना भर दिया.... पिछली भाजपा सरकार की तुलना में.... इस बार तो और कड़वे निर्णय लिए गए... सरकारी खजाने को भरने के चक्कर में.... फिर से आम नागरिक पर बोझ डाला गया.... जन उपयोगी योजनाओं को ढंग से लागू नहीं किया... ये लोग फिर से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि 2019 इनका होगा... पता लगा कि.. 2019 में लबालब भरे सरकारी खजाने का फायदा उठाने का अवसर... फिर से UPA को मिल गया... ये आशंका इसलिए क्योंकि लोग कहने लगे हैं... इससे अच्छा तो कांग्रेस थी... खुद तो खाती थी... मगर खिलाती भी तो थी.....!
सही कहूँ... तो मुझे ऐसा लग रहा है कि 2014 की मोदी की 2/3 जीत कांग्रेस की ही चाल तो नहीं थी... क्योंकि... वो जानती है कि सरकारी खजाना भाजपा ही भरवा सकती है.. क्योंकि देशहित के लिए कड़वे निर्णय भाजपा के वश की बात है..... अगर 2019 में भाजपा हारी तो .. मेरा शक यकीन में बदल जाएगा..... । अगर मेरी शंका फालतू है तो मोदी सरकार को अब सरकारी खजाने की नहीं... आम नागरिकों के सीधे फायदे.के.बारे में सोचना चाहिए.. नहीं तो 2004 की पुनरावृत्ति होते कोई रोक नहीं सकता....!!!
#2004_Vs_2019