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आखिर उसने नहीं मानी अयोध्या का नाम फिर से फैजाबाद कर दिया!

Shiv Kumar Mishra
28 March 2021 9:41 AM GMT
आखिर उसने नहीं मानी अयोध्या का नाम फिर से फैजाबाद कर दिया!
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संजय विस्फोट

कभी कभार मैं विकीपीडिया पर सूचनाएं जोड़ने का काम भी करता हूं। लेकिन बौद्धिक जगत में सत्य विरोधी वामपंथी किस तरह हावी हैं उसका एक उदाहरण देता हूं।

करीब दो साल पहले योगी आदित्यनाथ ने फैजाबाद जिले का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया। कागजों में कार्रवाई पूरी हो गयी। अब सरकारी कागजों में हर जगह अयोध्या एक जिला के रूप में है।

ये सूचना मैंने विकीपीडिया पर अपडेट कर दिया। जहां जहां फैजाबाद जिला या डिवीजन था वहां वहां अयोध्या लिख दिया। संपादन पूरा करके मैं वापस लौटा तो एक मेल आया। 'ये सब मत करो। फैजाबाद को फैजाबाद ही रहने दो। ये विकीपीडिया की नीति है। हम नाम नहीं बदलते।" मैंने कहा कि लेकिन जब दस्तावेज में नाम बदल गया है तो आप गलत नाम क्यों बताते हैं?

उसने एक न सुनी। अयोध्या को बदलकर फिर से फैजाबाद कर दिया। हां, इस बकझक का इतना असर हुआ कि उन्होंने अयोध्या को यह कहकर जोड़ दिया कि आफिसिअल नाम अयोध्या है।

ऐसे और भी कई मामले हैं जहां वामी या फिर कहिए हिन्दू विरोधी बुद्धिजीवियों की ही चलती है। यहां सोशल मीडिया पर गालियों का कारोबार करनेवाले तथाकथित राष्ट्रवादी मूर्ख अपनी बुद्धिहीनता से किसी निर्माण को तो गिरा सकते हैं लेकिन निर्माण करना इनके बूते की बात नहीं। बुद्धि से पैदल ये मूर्ख कहां जानते हैं कि युद्ध जंग के मैदान में नहीं जीता जाता। वहां तो जंग होती है। विजेता वो होता है जो इतिहास में विजेता घोषित किया जाता है।

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