- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
- Home
- /
- हमसे जुड़ें
- /
- डॉलर डॉलर कितना रुपया,...
आज डॉलर 70 के पार चला गया। रुपया डॉलर के सामने थोड़ा और झुक गया। कोई रुपये के पीछे फिर से छिप गया। एक डॉलर की कीमत 70.07 रुपये हो गई है। सोमवार को ट्रम्प का डॉलर 70 टच करते करते रह गया। कमर झुका कर, हाथ खींच कर अंगूठे तक ले भी गया तो भी 69.993 रुपये तक ही पहुंचा। एक डॉलर का यह नया दाम है। नया इतिहास भी। रुपया इतना कभी नहीं गिरा।
यह अच्छी ख़बर नहीं है। अमरीका में पढ़ने वाले छात्र लिख रहे हैं कि उनका बजट 3-5 लाख बढ़ गया है। बहुत से छात्र अमीर नहीं है। भारत की शिक्षा प्रणाली से तंग आकर कुछ लोन लेकर, कुछ छात्रवृत्ति पाकर वहां गए हैं। अमरीका में रहने वाले राष्ट्रवादी एन आर आई ऐसे छात्रों की मदद के लिए आगे आएं। कुछ डॉलर जमाकर भारतीय छात्रों की मदद करें।
ये छात्र मुझसे कह रहे हैं कि मैं इस पर प्राइम टाइम करूं। बहुत मुश्किल हो गया है वहां पर रहना। मुझे समझ नहीं आ रहा कि इसके लिए किसे ज़िम्मेदार ठहराऊं। जो जनता यहां है वो अमरीका जाने वालों से खार खाए रहती है। वो उल्टा उसे भी और मुझे भी बुरा-भला कहेगी। कहेगी कि कौन बोला था अमरीका जाकर पढ़ने के लिए। पर मैं बुरा-भला कहने वालों से इतना ज़रूर कहूंगा कि मौका मिले तो अपने बच्चे को अमरीका की बेहतरीन यूनिवर्सिटी में ज़रूर भेजना। बहुत से मंत्री वहीं से पढ़ कर आए हैं और बहुत से मंत्रियों के बच्चे वहीं पढ़ रहे हैं। इसलिए राष्ट्रवाद के चक्कर में उन यूनिवर्सिटी से दुश्मनी मत पाल लेना।
सरकार के अलावा रामदेव और रविशंकर से कह सकता हूं मगर उन्होंने 2014 के पहले कहा था कि रुपये के सामने डॉलर 30-40 रुपए का हो जाएगा। हुआ नहीं। 2014 के बाद इन दोनों ने भी इस पर कुछ कहा नहीं। कितना पुरानी बातों को याद दिलाते रहें। चुनाव जीतना था तो बीजेपी के नेता रुपये के दाम में गिरावट को राष्ट्र के स्वाभिमान से जोड़ते थे, अब चुप रहते हैं। उन्हें पता चल गया है कि उल्लू बनाने का रीचार्ज कराने की ज़रूरत नहीं है। जो एक बार उल्लू बनता है वो कई बार के लिए बना रहता है। वैसे भी अब बिना बनाए ही बन रहे हैं तो क्यों बार बार रुपये और डॉलर को लेकर बोलते रहना है।
रुपया गिरते रहेगा। आप बोलते रहेंगे। सरकार चुप रहेगी। फिर रुपया चढ़ेगा। सरकार बोलती रहेगी। आप चुप रहेंगे। इसी में आपका टाइम कट जाएगा। हमारा टाइम कट जाएगा। बेहतर है सरकार कह दे कि सरकार का रोल नहीं होता मगर तब फिर सवाल होगा कि पहले क्यों कहा कि सरकार ने रुपये का स्वाभिमान गिरा दिया। कमज़ोर कर दिया। यह मसला इतने भर का है।
रवीश कुमार
रविश कुमार :पांच दिसम्बर 1974 को जन्में एक भारतीय टीवी एंकर,लेखक और पत्रकार है.जो भारतीय राजनीति और समाज से संबंधित विषयों को व्याप्ति किया है। उन्होंने एनडीटीवी इंडिया पर वरिष्ठ कार्यकारी संपादक है, हिंदी समाचार चैनल एनडीटीवी समाचार नेटवर्क और होस्ट्स के चैनल के प्रमुख कार्य दिवस सहित कार्यक्रमों की एक संख्या के प्राइम टाइम शो,हम लोग और रविश की रिपोर्ट को देखते है. २०१४ लोकसभा चुनाव के दौरान, उन्होंने राय और उप-शहरी और ग्रामीण जीवन के पहलुओं जो टेलीविजन-आधारित नेटवर्क खबर में ज्यादा ध्यान प्राप्त नहीं करते हैं पर प्रकाश डाला जमीन पर लोगों की जरूरतों के बारे में कई उत्तर भारतीय राज्यों में व्यापक क्षेत्र साक्षात्कार किया था।वह बिहार के पूर्व चंपारन जिले के मोतीहारी में हुआ। वह लोयोला हाई स्कूल, पटना, पर अध्ययन किया और पर बाद में उन्होंने अपने उच्च अध्ययन के लिए करने के लिए दिल्ली ले जाया गया। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक उपाधि प्राप्त की और भारतीय जन संचार संस्थान से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्राप्त किया।