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हालातों के मारे आँसू, मेरे और तुम्हारे आँसू !!

Desk Editor
9 Sep 2021 5:48 AM GMT
हालातों के मारे आँसू,  मेरे और तुम्हारे आँसू !!
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हालातों के मारे आँसू

मेरे और तुम्हारे आँसू !!

अपने ही घर में ऐसे हैं

जैसे हों बंजारे आँसू !!

मैं इनको मोती कर दूंगा

ला मुझको दे सारे आँसू !!

परिभाषा हैं खारेपन की

सागर! देख हमारे आँसू !!

दुनिया कहती है पानी है

सच में हैं अंगारे आँसू !!

अलग अलग पीड़ा सहते हैं

ब्याहे और कुंवारे आँसू !!

प्यासी महफ़िल बोल रही है

राणा और बहा रे आँसू !!

- गुनवीर राणा

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