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असम में हिटलर वाला 'गेस्टापो

Desk Editor
24 Sep 2021 1:50 PM GMT
असम में हिटलर वाला गेस्टापो
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मरों को मारना क़ानून में जुर्म नहीं बनेगा, ऐसा उन बहादुर कैमराधारी अर्धबल सदस्यों को भरोसा है

सावधान !! असम में हिटलर वाला 'गेस्टापो' आ चुका है। कल इस बल/फ़ोर्स ने अपना पहला अभियान पूरा किया।

अभियान की ख़ासियत ये थी कि गेस्टापो के साथ एक अर्ध-बल (सेमी-फ़ोर्स) भी कैमरे सहित चल रहा था जो गेस्टापो की गोली से मरों को दोबारा अपने लात जूतों से मार कर अनोखे और अपूर्व शौर्य का प्रदर्शन कर रहा था।

वैसे, मरों को मारना क़ानून में जुर्म नहीं बनेगा, ऐसा उन बहादुर कैमराधारी अर्धबल सदस्यों को भरोसा है

भरोसा इसलिये भी है कि पिछले कुछ सालों में जो नयी रवायतें चलन में आयीं हैं, उनके रहते उन पर किसी भी प्रकार के अपराध का आरोप नहीं लगाया जा सकता। उन्होंने किसी भी तरह अशांति भंग नहीं की। न ही किसी के हक़ की आवाज़ उठायी, न किसी अपराध-पीड़ित की मदद की और न ही किसी के न्याय की आवाज़ उठाई। न ही शासन प्रशासन से सवाल पूछा। तो, वो पूरी तरह निर्दोष हैं, ये साबित करना बहुत आसान होगा।

सब तरफ़ all is well. बुरा देखो मत, सुनो मत, कहो मत, लिखो मत, मानो मत। सिर्फ़ ये मानो कि सब ओर बढ़िया है, आनन्द है, विकास है। और, भक्ति तथा भक्तगण हैं। जय विश्वगुरु की !!

- रूपरेखा वर्मा ( वरिष्ठ हिंदी साहित्यकार )

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