- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
- Home
- /
- हमसे जुड़ें
- /
- कैप्टन सौरभ कालिया की...
कैप्टन सौरभ कालिया की शहादत से सत्ता का सुख हासिल करने वाली बीजेपी ने दस साल में कितने पाक सैनिक मारे!
कुणाल शुक्ला
क्या कैप्टन सौरभ कालिया को सभी भूल चुके हैं?सिर्फ 22 वर्ष के कैप्टन सौरभ कालिया को कारगिल युध्द के दौरान 1999 में पाकिस्तानी आर्मी द्वारा बंदी बनाया गया था और उन्हें बेहद क्रूरता से मारा गया था।22 दिन बंधक रहने के दौरान उन्हें यातनाएं दी गईं।जब उनका शव परिजनों को दिया गया तो उनकी ना तो आंखें थीं और ना ही कान,शव इतना विभत्स हो चुका था कि परिजन अपने पुत्र को पहचान नहीं पाए।
कैप्टन सौरभ कालिया के पिता अपने पुत्र की इस निर्मम हत्या पर न्याय दिलाने के लिए दर दर भटकते रहे। भाजपा ने इसे चुनावी मुद्दा बनाया लेकिन सत्ता में आते ही याददाश्त खो गयी औऱ कैप्टन सौरभ कालिया के परिजनों को न्याय नहीं मिला।
अगर आपकी यादाश्त दुरुस्त हो तो 2014 के चुनावों के पहले चीन को लाल लाल आंखे दिखाने का वायदा तो था ही साथ साथ सुषमा स्वराज और राजनाथ सिंह ने वायदा किया था 1भारतीय सैनिक के बदले 10 पाकिस्तानी सैनिकों का सर लाएंगे।सरकार बने दस बरस हो गया ना तो चीन को लाल लाल आंखे दिखाई गईं और ना ही 1 भारतीय सैनिक की शहादत के बदले 10 पाकिस्तानी सैनिकों के सर लाये गए।सब चुनावी जुमला निकला।
भारतीय नौसेना का अफसर कुलभूषण जाधव बरसों से पाकिस्तान कैद में है,इस मामले पर सरकार क्या कर रही है?ताज़ा मामला कतर में 8 पूर्व नौसैनिकों को फांसी की सज़ा सुनाए जाने का है।मेरा सवाल यह है कि एक फोन से रूस-यूक्रेन युध्द रुकवा देने वाले विषगुरु कतर को क्यों फोन नहीं लगा पा रहे हैं?