
हिन्दुस्तान में हत्यारों की भीड़ रैपिड एक्शन फोर्स की तरह तैयार खड़ी है

क्या बात है कोई मुझे कठुआ और उन्नाव रेप केस के लिए ललकार नहीं रहा है, जैसे बंगाल और केरल को लेकर ललकारते हैं? सारा तिरंगा जम्मू चला गया है क्या? एक सड़ी हुई राजनीति के बीमार लोगों से पूछता हूं कि वे कब तक यहां और वहां का मैच खेलेंगे। कई महीनों से कह रहा हूं कि हिन्दू मुस्लिम डिबेट के नाम पर नफ़रत और ज़हर से लैस एक भीड़ तैयार है। ये आपके पड़ोस में पेड़ के कटे तने की तरह सूख कर पड़ी हुई है। ज़रा सी चिंगारी से ये भीड़ आग की तरह भभक उठती है।
उत्तराखंड के अगस्त्यमुनि में तो बलात्कार की अफ़वाह उड़ी थी, भीड़ आग बन गई। अफवाह की कहानी बनाई गई कि मुस्लिम लड़के ने हिन्दू लड़की का बलात्कार किया है। झूठी कहानी। फिर भी लोग निकल गए और सलून, फोटोशॉप, हार्डवेयर और सब्जी वाले की दुकान जला आए क्योंकि दुकानदार मुसलमान थे। जम्मू में तो आठ साल की मुस्लिम लड़की से बलात्कार हुआ, मंदिर में देवताओं के समक्ष हुआ, उनके सामने वो मार दी गई। उसकी लाश सबको दिखी। भीड़ यहां भी बनी लेकिन बलात्कार की शिकार बेटी के लिए नहीं, आरोपी हिन्दुओं के पक्ष में। उनके लिए तिरंगा लहराया गया, जय श्री राम के नारे लगे और भारत माता की जय बोला गया। यह भीड़ मुसलमान खोजती है।
मुसलमान के नाम पर आपको केरल बंगाल के किस्से दिखाकर ललकारती है। इसका इंसाफ से कोई ताल्लुक नहीं है। दिल्ली में दो लड़के बस में जा रहे एक इमाम की दाढ़ी पकड़ लेते हैं, उससे जय माता दी और जय श्री राम बोलने के लिए कहते हैं। कहानी साफ है। हिन्दू मुस्लिम डिबेट से एक ऐसी भीड़ तैयार कर दो जो किसी मुसलमान को देखते ही ट्रिगर हो जाए। एक बटन दबाते ही उसके भीतर से कई गोलियां निकल पड़े। मैं इसी नफ़रत के ख़िलाफ़ लगातार बोल रहा हूं। हिन्दुओं से कह रहा हूं कि आपके बच्चों को दंगाई बना दिया गया है। वे कभी भी दंगा कर सकते हैं, कभी किसी को मुसलमान के नाम पर मार सकते हैं। वो एक दिन किसी हिन्दू को भी मुसलमान समझ कर मार देंगे। जैसे आज राजपूत की बेटी मुसलमान हो गई है। आरोपी विधायक हिन्दुओं का चेहरा हो गया है।