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राजनीति में आदमी अगर 75 तक जवान माना जाता है तो नौकरियों में 58 तक ही क्यों?

Shiv Kumar Mishra
10 Aug 2021 2:53 AM GMT
राजनीति में आदमी अगर 75 तक जवान माना जाता है तो नौकरियों में 58 तक ही क्यों?
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राजनीति में आदमी अगर 75 तक जवान माना जाता है तो नौकरियों में 58 तक ही क्यों? क्या आपको नहीं लगता है कि पेंशन देकर घर बिठा देने की बजाय आदमी को सक्रिय रखने और उसके अनुभवों का फायदा उठाने के मकसद से उससे पेंशन के बदले काम लिया जाए।

ऐसा काम जिसमें उसके अनुभव और उसके कौशल का पूरा लाभ लिया जा सके। 58 या 60 पर रिटायर कर देने का मतलब है कि एक सक्रिय आदमी को जानबूझ कर बोझ बना देना। मुझे नहीं लगता कि मैं 58 में आकर थकावट महसूस कर रहा था अथवा अब 66 में थक गया हूं। अब भी मैं उतना ही काम करता हूं जितना कि तब करता था जब नौकरी पर था। मगर रिटायर कर देने का मतलब आदमी को घर बिठा देना।

हालांकि शुक्र है कि मेरे पास न तो इतना धन है कि मैं बाकी की जिंदगी बिना कुछ किए गुजार सकूं न ही मेरे पास कोई पेंशन योजना है इसलिए आज मैं शायद पहले से ज्यादा काम करता हूं ताकि उतना कमा सकूं जिससे घर में मज़े से गुजर-बसर हो सके। तब रिटायरमेंट का मायने क्या होता है?

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