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- बात निकली है तो दूर...
लीजिए, अब प्रधान जी के चर्चित 'इंटरव्यू' को लेकर जारी बहस में स्मिता प्रकाश भी कूद पडीं। वही स्मिता प्रकाश जिनके सामने बैठकर दो दिन पहले प्रधान जी राष्ट्र को संबोधित कर रहे थे। स्मिता प्रकाश इंटरव्यू को प्रायोजित बताए जाने को लेकर राहुल गांधी से नाराज हैं। वे राहुल को चुनौती दे रही हैं कि वे साबित करें कि इंटरव्यू प्रायोजित था। अब चूंकि वे विवाद में कूद पडी हैं तो उनको लेकर भी सवाल उठना लाजिमी है कि वे कैसे पत्रकार हो गईं? कितने वर्षों से वे इस पेशे में हैं और उन्होंने एएनआई से पहले किन-किन मीडिया संस्थानों में काम किया है?
दरअसल, स्मिता प्रकाश टीवी न्यूज एजेंसी एएनआई के मालिक की पुत्र वधू हैं। तमाम टीवी चैनलों को खबरें सप्लाय करने वाली इस एजेंसी की शुरुआत उनके ससुर ने वाजपेयी सरकार के दौर में उस समय के उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी की मदद से की थी। स्मिता प्रकाश के ससुर अब बुजुर्ग हो चुके हैं और जब से उनके बेटे ने अपने पिता से एएनआई का प्रबंधन अपने हाथों में लिया है तब से स्मिता प्रकाश ही उसकी मैनेजिंग एडिटर हैं। वैसे भी ज्यादातर मीडिया संस्थानों में उनके मालिक या उनके परिवार के सदस्य ही प्रधान संपादक और प्रबंध संपादक हैं, भले ही पत्रकारिता या पढने-लिखने से उनका कोई सरोकार न हो। इसलिए एएनआई में भी ऐसा होना कोई आश्चर्य की बात नहीं है।
कुछ दिनों पहले रॉफेल जहाज बनाने वाली दसॉल्ड के सीईओ का इंटरव्यू करने भी स्मिता प्रकाश ही गई थीं। भारत की एक अन्य सबसे पुरानी, सबसे बडी और स्थापित समाचार एजेंसी ने भी दसॉल्ट के सीईओ से इंटरव्यू के लिए समय मांगा था लेकिन समय दिया गया सिर्फ एएनआई को। ऐसा क्यों हुआ, यह समझना मुश्किल है। बहरहाल बात निकली है तो दूर तलक तो जाएगी ही।