
कैलाश सत्यार्थी ने नक्सलियों से की बच्चों के हाथों में बंदूक की जगह कलम थमाने की अपील

भारत यात्रा बुलेटिन-25 सितंबर, 2017
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने रांची स्थित सैटेलाइट कॉलोनी के दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) और मोरादाबादी के स्टेट गेस्स हाउस में जनसभाओं को संबोधित करते हुए कहा कि अब वह वक्त आ गया है कि जब हमें सुरक्षित बचपन के लिए सुरक्षित भारत का निर्माण करना है। झारखंड को उन्होंने बच्चों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से खराब राज्य का रिकार्ड रखने वाला बताते हुए कहा कि यहां से गरीब आदिवासी बच्चों का सबसे ज्यादा पलायन होता है। बच्चे जानवरों से भी कम कीमत पर बेचे जाते हैं। दिल्ली में घरेलू मजदूर के रूप में काम करने वाले सबसे ज्यादा बच्चे झारखंड के ही होते हैं और इनकी दुर्दशा अब किसी से छिपी नहीं है। उन्होंने इस अवसर पर नक्सली आंदोलन से जुड़े लोगों से आह्वान करते हुए कहा कि वे बच्चों के हाथों में बंदूक की जगह कलम थमाएं ताकि वे अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ सकें।