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राजस्थान के मेडिकल कालेजों की फीस बढ़ा दी गई है। नई फीस 2018 से लागू होगी। पहले एक साल की फीस 3810 रुपये लगती थी। अब MBBS के जो नए छात्र आएंगे,उन्हें उन्हें साल का सिर्फ एडमिशन के लिए 32500 देने होंगे। डबल सीट हास्टल फीस 22500 हो गई। बिजली और पानी का का बिल 100 रुपये से बढ़ाकर 6000 कर दिया गया है। यह हॉस्टल फीस के 22,500 में शामिल है। अभी तक छात्र एडमिशन और हॉस्टल सब मिलाकर साल का 3810 रुपये दे रहे थे, अब एक साल का 55,000 देंगे।
राजस्थान में 8 मेडिकल कालेज हैं। छात्रों का कहना है कि नए हास्टल नहीं बन रहे हैं। मांग बहुत ज़्यादा है। वैसे ही अभी तक 2016 बैच के सभी छात्रों को हॉस्टल नहीं मिले हैं। हास्टल का किराया बढ़ा दिया गया ताकि छात्रों के लिए बाहर रहना सस्ता हो जाए। बीकानेर में 2000 रुपये में कमरे मिल जाते हैं। मार्केट से भी हास्टल महंगा कर दिया गया है। कई दशक से कोई नया पीजी हॉस्टल नहीं बना है। यह सब जानकारी मेडिकल कालेज के छात्रों से मिली है। छात्र इंटर्न भत्ता 3500 से बढ़ाने की मांग कर रहे थे। उसे 7000 करने की बात हुई है। कहीं इसके लिए तो फ़ीस नहीं बढ़ा दी गई! मेडिकल छात्रों ने यह सूचना भेजी है।
मेरे पास इसकी जानकारी नहीं हैै कि कि कमज़ोर तबके के लिए फीस में रियायत के प्रावधान हैं या नहीं। राजस्थान के मेडिकल कालेजों के छात्र इस पर बहस करें कि उनके लिए उचित है या नहीं। सरकारें लगातार शिक्षा का बजट कम कर रही हैं। कालेज की इमारत बाहर से रंग दी जा रही है, एक सेमिनार रूम टीक और एसी युक्त बन जा रहा है। उसी में झांक झांक कर छात्र सुविधा के आगमन का स्वागत किए जा रहे हैं। तो क्या है क्या नहीं है इसकी समझ आप स्थानीय स्तर पर विकसित करें और उसे अभिव्यक्त करें।
रवीश कुमार
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