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मोदी सरकार का मास्टर स्ट्रोक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का असली खेल, किसानों समझ लो वरना देर हो जाएगी!
गिरीश मालवीय
मोदी सरकार की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को मास्टर स्ट्रोक बताया जा रहा है अब इसके तहत किसानों को 2000 रु की दूसरी किश्त देने की बात की जा रही हैं जबकि लाखो किसानों को पहली किश्त भी नही मिली है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके लिए पैसा कहा से आ रहा है? जब आप यह जानेंगे कि इस पैसे के लिए कैसा गोलमाल किया जा रहा है तब आपके पैर के नीचे जमीन खिसक जाएंगी !
दरअसल यह एक तरह की DBT डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम है, इसके लिए पैसा आपकी जेब से ही वसूला जाने वाला है. सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए बजट मे फर्टिलाइजर सब्सिडी पर 70,079 करोड़ और पेट्रोलियम सब्सिडी 24,932 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रावधान किया है। इसी तरह 2018-19 में ब्याज पर सब्सिडी में 20917 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान वित्त मंत्री ने लगाया था। ऐसी ही सब्सिडी के लिए इस बजट के पहले विचार किया गया कि कुछ तरह की सब्सिडी खत्म कर सीधे ग्राहकों के अकाउंट में ही रकम ट्रांसफर किया जाए। सरकार जानती है कि फर्टिलाइजर और पेट्रोलियम सब्सिडी को खत्म कर दिया जाए तो सरकार के पास 1 लाख करोड़ रुपए आ जाएंगे.
एसबीआई ने हाल ही में जारी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि किसानों को 70100 रुपए फर्टिलाइजर पर, 13 हजार करोड़ इंश्योरेंस पर और इंटरेस्ट सबवेंशन पर 15 हजार करोड़ रुपए की सब्सिडी दी जाती है। देश में कुल 14.6 करोड़ किसान हैं। इस हिसाब से हर किसान को 10162 रुपए कैश ट्रांसफर किए जा सकते है.
यही 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना' हैं. बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट है कि मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री किसान योजना के भुगतान के लिए पेट्रोलियम सब्सिडी का बकाया रोक दिया है, यही वजह है कि 2019-20 के बजट में पेट्रोलियम सब्सिडी 37,478 करोड़ रुपये रहने का अनुमान जताया गया है। इसमें अगले साल के टाली गई 13,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी भी शामिल है.
यह है इस प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की असलियत. यह इस हाथ ले और उस हाथ दे वाला मामला हैं. खाद पर दी जाने वाली सब्सिडी डायरेक्ट किसानों को बैंक खाते के जरिए दे दी जाए इससे बैंको के बकाया की वसूली भी हो जाएगी और उल्टे सीधे चार्ज लगाकर बैंक भी इस रकम से अपना हिस्सा वसूल लेंगे और किसानों को महंगे दामो में खाद, डीजल आदि खरीदने पर मजबूर होना होगा.
आपकी जेब में इधर से पैसा डाला जाएगा और उधर से निकाल लिया जाएगा। ....यह है असली मास्टर स्ट्रोक.......जिसकी सच्चाई आपको कोई बताता नही है!..........
लेखक आर्थिक मामलों के जानकर है और यह उनके निजी विचार है.