हमसे जुड़ें

बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार की खुली पोल

Desk Editor
20 Sep 2021 2:11 PM GMT
बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार की खुली पोल
x
40 फीसदी योजनाएं फर्जी पायी गयी।दो साल से दौड़ रहे हैं, लेकिन विभागीय स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।इस पर मुख्यमंत्री ने तुरंत उद्योग विभाग को सख्त निर्देश दिये कि पूरे मामले को देखें और तुरंत कार्रवाई करें।अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई, इस बात की भी जांच करें।

- कुमार कृष्णन

पटना : जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के अंतर्गत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 123 लोगों की फरियाद सुनी। इसमें सबसे ज्यादा समस्या नल-जल योजना, मनरेगा, ग्रामीण सड़क, बिजली समेत अन्य विभागों की समस्याएं आयी। इस दौरान एक फरियाद सुन नीतीश कुमार चौंक गए।

दरअसल, गोपालगंज के रिटायर्ड प्रधानाचार्य योगेंद्र मिश्र ने मुख्यमंत्री से कहा कि उनके गांव को यूपी के कुशीनगर से जोड़ दिया जाये, क्योंकि उनका गांव कुशीनगर से सिर्फ एक किमी दूर है।इसे देखते हुए मेरे गांव को उत्तर प्रदेश में शामिल करा दिया जाये। मुख्यमंत्री इस बात को सुनकर चौंक गये और संबंधित विभाग के अधिकारी के पास भेज दिया।

वहीं सारण से आयी एक महिला वार्ड सदस्य ने कहा कि मुखिया उन्हें नल-जल योजना से जुड़े कार्य की भुगतान नहीं करते हैं। उनकी अवैध निकासी का विरोध करते हैं, तो जान मारने की धमकी देते हैं। नाली-गली योजना में भी पैसे का भुगतान नहीं होता है।मुख्यमंत्री ने इस मामले में संबंधित विभागों को तुरंत पूरे मामले की जांच कर कार्रवाई करने का आदेश दिया।

पटना के दानापुर से आये एक अन्य फरियादी ने उद्योग विभाग में हुई धांधली का खुलासा दस्तावेज प्रस्तुत करते हुए किया। उन्होंने बताया कि जब श्याम रजक उद्योग मंत्री थे, तो उस दौरान विभागीय अधिकारियों के साथ राजद विधायक सच्चिदानंद ने मिलकर बड़े स्तर पर योजनाओं में धांधली की थी।

40 फीसदी योजनाएं फर्जी पायी गयी।दो साल से दौड़ रहे हैं, लेकिन विभागीय स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।इस पर मुख्यमंत्री ने तुरंत उद्योग विभाग को सख्त निर्देश दिये कि पूरे मामले को देखें और तुरंत कार्रवाई करें।अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई, इस बात की भी जांच करें।

बांका से आए युवक ने बताया कि बस हादसे में उसका एक हाथ कट गया था, लेकिन सरकार की ओर से कोई मुआवजा नहीं दिया गया। इस मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने संबंधित अधिकारी को तुरंत फोन लगाकर मामले की पड़ताल और उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

Desk Editor

Desk Editor

    Next Story