हमसे जुड़ें

दो दिन पहले IANS की एक खबर में पीएम मोदी के लिए एक बेहद अभद्र शब्द (शब्द लिखे जाने योग्य नहीं है) का इस्तेमाल!

Special Coverage News
16 Sept 2018 10:05 AM IST
दो दिन पहले  IANS की एक खबर में पीएम मोदी के लिए एक बेहद अभद्र शब्द (शब्द लिखे जाने योग्य नहीं है) का इस्तेमाल!
x

अनिल जैन

दो दिन पहले समाचार एजेंसी IANS की एक खबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एक बेहद अभद्र शब्द (शब्द लिखे जाने योग्य नहीं है) का इस्तेमाल किया गया। खबर जारी होते ही स्वाभाविक रूप से हाहाकार मचा। अखबारों के दफ्तरों से एजेंसी के दफ्तर में फोन पर फोन आने लगे।

एजेंसी की ओर से फौरन खबर को रद्द करने, खेद जताने और माफी मांगने के संदेश जारी किए गए। खबर जारी होने के लिए जो व्यक्ति नैतिक रूप से जिम्मेदार रहा, उसकी तत्काल प्रभाव से छुट्टी कर दी गई। जो लोग (खबर लिखने और उसे संपादित करने वाला) व्यावहारिक रूप से जिम्मेदार रहे, उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।

इस एजेंसी में अपन भी दस साल पहले दो वर्ष से अधिक समय तक बतौर समाचार संपादक काम कर चुके हैं। उस समय एजेंसी के प्रधान संपादक और मालिक तरुण बसु हुआ करते थे, जो कि पेशेवर पत्रकार माने जाते थे। उसी दौरान वैश्विक मंदी का दौर आया, जिसका असर एजेंसी के रेवेन्यू पर भी पडा। प्रबंधन ने किसी को नौकरी से तो नहीं निकाला मगर तीस हजार से अधिक का वेतन पाने वालों के वेतन में पांच से दस फीसदी तक की कटौती कर दी गई।


इसी बीच कंपनी में छोटे अंबानी (वर्तमान में रॉफेल सौदे में चर्चित) की पूंजी का प्रवेश हुआ। एजेंसी का प्रबंधन और संपादन पेशेवर लोगों के हाथों से निकलकर दलालों के हाथों में आ गया, जो पढने लिखने के मामले में प्रचंड प्रतिभाविहीन हैं। उन्होंने अपनी मूर्खता और बदतमीजी का मुजाहिरा करते हुए वहां कार्यरत लगभग सभी काबिल लोगों को एक-एक करके बाहर जाने पर मजूबर कर दिया। उनके बदले में कम वेतन पर नौसिखिए और मूर्खों की भर्ती की गई।


नतीजा यह हुआ कि खबरों की गुणवत्ता में गिरावट आने लगी और एजेंसी की ग्राहक संख्या भी कम होने लगी। वहां काम कर रहे कुछ पुराने सहयोगी बताते हैं कि वहां आए दिन खबरों में कोई न कोई कौतुक होता रहता है, जिसके चलते कभी खबर रद्द की जाती है तो कभी खेद के साथ संशोधित खबर जारी करनी पडती है। हालांकि प्रधानमंत्री से संबंधित ताजा मामला कुछ अलग किस्म का है, जिसमें किसी दिलजले ने शरारत की है।

लेखक अनिल जैन वरिष्ठ पत्रकार है

Next Story