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पूण्य प्रसून वाजपेयी ने फिर किया खुलासा, तो ये है एनपीए का असली सच!

पूण्य प्रसून वाजपेयी ने फिर किया खुलासा, तो ये है एनपीए का असली  सच!
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देश के वरिष्ठ पत्रकार पुन्यप्रसून वाजपेयी ने एक बार फिर से भारत की नरेंद्र मोदी सरकार के द्वारा किये जा रहे एनपीए के गोलमाल का खुलासा किया है. वाजपेयी ने कहा है कि सवाल तब और अब का नहीं सवाल एनपीए के सच का है . जो मार्च 2014 में 2,16,739 करोड़ था. जो मार्च 2018 में बढ़कर 8,45,475 करोड़ हो गया. नेताओं के कथन में ना फँसे. जो सच है उसे समझे.

और चुने हुए सेवकों से सवाल करें. गलत सूचना पर न जाएँ अपने हक़ की बात करें.


पुन्यप्रसून वाजपेयी ने एक शेर पढ़ते हुए कहा इलाज करते कराते फिर रहे हे जाने किस किस से.. मोहब्बत कर के देखे ना मोहब्बत क्यूँ नहीं करते. यह शेर मशहूर शायर फ़रहत एहसास ने लिखी थी.


औसतन 400% ब्याज बढ़ा..संभव है ?


बैंक

31/3/14 तक

31/3/18 में

देना बैंक

₹2616cr

₹16,361cr

आँध्र बैक

₹5,858cr

₹28,124cr

इलाहाबाद बैक

₹7,961cr

₹26,419cr

यूनियन बैक

₹9,142cr

₹45,824cr

एसबीआई

₹57,819cr ₹

2,16,228cr


पीएनबी

₹18,611cr

₹83,897cr

सेन्ट्रल बैक

₹11,500cr

₹38,131cr

बैकआफ इंडिया

₹10,274cr

₹52,086cr

कहने का तात्पर्य है कि जब संन 2104 एनपीए कम था तो यकायक चार साल में इतना बढा कैसे. इस पर सवाल जरुर खड़ा हो जाता है. इस पर जनता के पूंछने का हक़ है और अपनी बात जानने का हक़ भी होता है. आखिर यह बात देश हित में और जनहित में जानना जरूरी है.


जिस तरह हर एक बेंक का एनपीए कई गुना बढ़ा है तो क्यों? ये सवाल जब आप जानेगें तभी कुछ हल निकलेगा.

पुण्य प्रसून वाजपेयी

पुण्य प्रसून वाजपेयी

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