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देश की सबसे बड़ी तेल कंपनी ओएनजीसी को बड़ा झटका,ओएनजीसी के डायरेक्टर संबित पात्रा जवाब दो क्यों?
देश की सबसे बड़ी तेल कंपनी ओनजीसी ने बीते जून की तिमाही में ही 6130 करोड़ का मुनाफा कमाया था, उस ओनजीसी को मोदी सरकार ने तेल और गैस निकालने के लिए सिर्फ दो ब्लॉक आवंटित किए हैं. नए खोजे गए 55 ब्लॉक का बोली के आधार पर आवंटन किया गया. जिसमें उद्योगपति अनिल अग्रवाल की कंपनी वेदांता ने एकछत्र रूप से 41 ब्लॉक हासिल कर कीर्तिमान रच दिया. जबकि ओएनजीसी की अगुवाई वाली सरकारी कंपनियों को महज 14 क्षेत्र मिले.
सरकारी कंपनियों में ऑयल इंडिया को जहां नौ मिले तो गेल, BPRL और HOEC को महज एक-एक फील्ड हासिल हुआ. जबकि ओएनजीसी को दो। बताना जरूरी है कि देश में वैसे भी अधिकांश सरकारी कंपनियों की कमर टूट चुकी है. 157 सार्वजनिक उपक्रम एक लाख करोड़ से भी ज्यादा के घाटे में हैं। ओएनजीसी जैसी गिनी-चुनी कंपनियां ही मुनाफा अर्जित कर सरकार का पब्लिक सेक्टर के बिजनेस में नाक बचाए हुए हैं. मगर लगता है कि सरकार अब सरकारी तेल कंपनियों का भी बाजा बजाकर दम लेगी.
तेल-गैस ब्लॉक आवंटन में सरकारी कंपनियों के साथ यह सलूक तब हुआ, जबकि इन कंपनियों ने कुल 37 ब्लॉक के लिए बोली लगाई थी. मिला सिर्फ 14। जबकि अग्रवाल साहब ने 55 के लिए बोली लगाई और पूरे मिल गए 41।
मेरे दो सवाल- क्या मुनाफा कमाने वाली सरकारी कंपनियां अनिल अग्रवाल की वेदांता का मुकाबला नहीं कर सकतीं
क्या सरकारी कंपनियों को जान-बूझकर कम बोली लगाने के लिए मजबूर किया गया, जिससे ठेका वेदांता को मिल जाए. और भी कई सवाल हैं.
ओएनजीसी के डायरेक्टर संबित पात्रा को भी जवाब देना चाहिए। यूं तो यह आवंटन कल ही हो गया था. मगर मुनाफे में होने के बावजूद सरकारी कंपनियों की तेल-गैस निकालने में सीमित भागादीर की यह साजिश इन कंपनियों का भी भट्ठा बैठाने की तैयारी लगती है।
वरिष्ठ पत्रकार नवनीत मिश्र की फेसबुक वाल से