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मुंबई एयरपोर्ट पर भगदड़ मचने की, आखिर वजह क्या थी ?

Desk Editor
9 Oct 2021 1:38 PM GMT
मुंबई एयरपोर्ट पर भगदड़ मचने की, आखिर वजह क्या थी ?
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अभी जो भारी भीड़ ओर अव्यवस्था के जो दृश्य आए है वह टर्मिनल 2 है अगर टर्मिनल 1 जो नया बना है वो अगर चालू होता तो आसानी से भीड़ को नियंत्रित किया जा सकता था

आप क्या सोचते है कि कल मुंबई एयरपोर्ट पर जो सुबह-सुबह जो यात्रियों की भारी भीड़ होने से एयरपोर्ट पर भगदड़ की स्थिति बन गई सेकड़ो पैसेंजर की फ्लाइट छूट गयी इस अव्यवस्था की असली वजह क्या थी ?

न्यूज़ चैनल और अखबार आपको यही बता रहे हैं कि फेस्टिव सीजन की वजह से यात्रियों की भीड़ अचानक बढ़ गई ओर एयरपोर्ट अधिकारी उसे संभाल रहे थे मीडिया ने अडानी जी के टूकड़खोर होने का फर्ज निभाते हुए एयरपोर्ट प्रबंधन को बचाने की पूरी कोशिश करते हुए खबर लगाई कि हवाईअड्डे पर एयरपोर्ट अथॉरिटी ने अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की है क्योकि वे सुरक्षा व्यवस्था में किसी तरह की नरमी नहीं बरत सकते थे ओर सुरक्षा जांच के कारण भीड़ बढ़ गई, इसलिए यह तकलीफ हुई है।

लेकिन आप खुद ही सोचिए कि त्योहार तो हर साल आते हैं हर बार इतनी बड़ी गड़बड़ी क्यो नही होती ?

सच्चाई अब हमसे सुनिए !...... दरअसल मुंबई एयरपोर्ट पर बढ़ती हुई भीड़ को मद्देनजर रखते हुए सरकार ने सालो पहले टर्मिनल 1 का निर्माण करवा दिया था, वो अभी अडानी ने बन्द करवा रखा है क्योंकि उसे चलाने की कॉस्ट नही निकल रही थी

अभी जो भारी भीड़ ओर अव्यवस्था के जो दृश्य आए है वह टर्मिनल 2 है अगर टर्मिनल 1 जो नया बना है वो अगर चालू होता तो आसानी से भीड़ को नियंत्रित किया जा सकता था, कुछ दिनों पहले यह खबर भी आयी थी कि छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का टर्मिनल 1 घरेलू परिचालन के लिए 20 अक्टूबर से फिर से शुरू हो जाएगा। प्रारंभ में, यह प्रतिदिन लगभग 156 घरेलू उड़ानों को पूरा करेगा, जबकि 396 घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय सेवाओं को टर्मिनल 2 द्वारा नियंत्रित किया जाएगा। अभी सारी भीड़ घरेलू उड़ानों की ही है .....

कोविड-19 महामारी की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के दौरान लगभग 18 महीने टर्मिनल 1 बन्द पड़ा हुआ था, अगर यह 20 अक्टूबर को शुरू हो सकता है तो यह पहले भी चालू हो सकता था, लेकिन उसे शुरू नही किया गया, दरअसल प्राइवेट ऑपरेटर हर वक्त अपने फायदे की सोचेगा उसे यात्रियों की परवाह नही है उसे अपनी ऑपरेटिंग कॉस्ट की फिक्र है यदि वह ज्यादा हो गयी तो उसके प्रॉफिट में कमी आ जाएगी, ऑपरेशन कॉस्ट बचाने के लिए ही इसे देर से शुरू किया जा रहा है, यात्रियों की परेशानी जाए भाड़ में ! ये है असली वजह कल हुए के ओस की।

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