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- आईएएस-आईपीएस जब तमाम...
आईएएस-आईपीएस जब तमाम सुविधाओं व रसूख के बावजूद भ्रष्टाचार जैसे घटिया आरोपों में फंस कर जेल जाते हैं तो कैसा लगता है!
जब आप आईएएस-आईपीएस बनते हैं तो कितनी खुशी मिलती है और गर्व की अनुभूति होती है। पर वही आईएएस-आईपीएस जब तमाम सुविधाओं व रसूख के बावजूद भ्रष्टाचार जैसे घटिया आरोपों में फंस कर जेल जाते हैं तो कैसा लगता है!
अच्छे अधिकारियों को पब्लिक सिर-आंखों पर बिठाती है, तो भ्रष्ट अधिकारियों के नाम पर थूकती है। फिर भी इन भ्रष्टाचारियों को शर्म नहीं आती गोया जनता का लूटा गया पैसा इनके बाप इनके नाम कर गये थे!
2000 बैच में जब पूजा सिंघल देश की सबसे कम उम्र की आईएएस (महज 21 वर्ष से कुछ अधिक) बनी तो इनके बैचमेट कहते थे कि पूजा एक दिन भारत की कैबिनेट सेक्रेटरी (सिविल सेवा का सर्वोच्च पद) बनेगी, पर हुआ क्या गिरफ्तार होकर लाल कोठी पहुँच गयीं अपने पति संग।
मुख्यमंत्री कोई हो झारखंड में, पूजा सिंघल की हमेशा चली। सेटिंग में माहिर रही हैं, यानी तेजतर्रार तो यह हैं ही, इसमें दो मत नहीं। पर होता क्या है जब आप अति करने लगते हैं तो एक दिन आपकी कोई तेजी काम नहीं आती!
दूसरी तरफ यूपी में डीजीपी मुकुल गोयल को अकर्मण्यता व लापरवाही बरतने के कारण चलता कर दिया गया है और नए डीजीपी (1988 बैच के आर० के० विश्वकर्मा सबसे आगे हैं रेस में) के नियुक्त होने तक फिलहाल बिहार के सिवान जिले के मूल निवासी 1990 बैच के तेजतर्रार आईपीएस एडीजी (लॉ एन ऑर्डर) प्रशांत कुमार को कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया है।
प्रशांत कुमार मूल रूप से तमिलनाडु कैडर के आईपीएस हैं, पर 1994 में इन्हें निजी कारणों से यूपी कैडर अलॉट किया गया था।