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मुंडा की जगह मुर्मू क्यों?

Shiv Kumar Mishra
22 Jun 2022 10:06 AM GMT
मुंडा की जगह मुर्मू क्यों?
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द्रौपदी मुर्मू देश की अगली राष्ट्रपति होंगी जब ये झारखंड की राज्यपाल बनी थी उस समय इनके बारे में जानकारी दी गयी थी वो दो बार BJP से विधायक रही है जहाँ तक शैक्षणिक योग्यता की बात करे तो ऐसा कुछ खास नहीं है ,झारखंड के राज्यपाल के रूप में एक बार मिलने का मौका मिला सादगी और सरल स्वभाव जो आदिवासी महिलाओं की पहचान है उसी की प्रति मूर्ति हैं।

ये राष्ट्रपति की उम्मीदवार हो सकती है ये कयास लगाया जा रहा था और इसकी वजह आदिवासी राजनीति को साधना है। ऐसे में मेरे मन से बार बार सवाल उठ रहा था कि जब आदिवासी राजनीति को ही साधना है तो द्रौपदी मुर्मू की जगह करिया मुंडा क्यों नहीं आठ बार सासंद रहें हैं उस जमाने के एमए रहे हैं भाजपा और संघ के सच्चे सिपाही रहे हैं संविधान और संसदीय कार्यो के अच्छे जानकार हैं ईमानदारी इस पर सवाल करना ही बेमानी होगा फिर मुंडा आदिवासी चुनावी समीकरण में भी मजबूत बैठते फिर मुंडा की जगह मुर्मू क्यों।

2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान करिया मुंडा जी से मिलने उनके गॉव अनिगारा गये थे शाम का समय था घर के पास ही खेती के काम में लगे थे। नमस्कार नमस्कार संतोष जी कहॉ रिटायर लोगों से मिलने आ गये कोई परेशानी तो नहीं हुई। चलिए चलिए घर पर ही बैठते हैं वही पूरानी कुर्सी जिस पर हमलोगों के बैठने से पहले मुर्गा बैठा था ,उसी समय एक खबर काफी चर्चा में था मुंडा जी की बेटी सड़क किनारे आम बेच रही थी।

राजनीति पर उनसे लम्बी बातचीत हुई एक बात हंसते हंसते मुंडा जी बोले थे संतोष जी आपका चरित्रवान और ईमानदार होना आपके परिवार वाले भले स्वीकार कर ले समाज भी स्वीकार कर लेना लेकिन राजनीति में अब इसकी कोई गुनजाइस नहीं रह गयी है ,ऐसे में जहाँ से सफर शुरू किये थे वही लौट कर आ गये और अब इसी मिट्टी में मिल जायेंगे ईमानदारी के साथ देश प्रेम का यही पुरस्कार है क्या कहे गॉव वाले को पार्टी मुझे रिटाइर कंर दिया।

Shiv Kumar Mishra

Shiv Kumar Mishra

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