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कमल हासन के विवादित बयान पर फिर गरमाया 'हिंदू आतंकवाद' का मुद्दा

आनंद शुक्ल
2 Nov 2017 9:41 AM GMT
कमल हासन के विवादित बयान पर फिर गरमाया हिंदू आतंकवाद का मुद्दा
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पिछले कुछ समय से दक्षिण भारतीय फिल्मों के सुपर स्टार कमल हासन के राजनीति में आने की खबरें आ रहीं हैं। इस बीच उनका एक ऐसा बयान आया है जिसके बाद एक बार फिर हिंदू आतंकवाद का मुद्दा गर्मा गया है।

चेन्नई: पिछले कुछ समय से दक्षिण भारतीय फिल्मों के सुपर स्टार कमल हासन के राजनीति में आने की खबरें आ रहीं हैं। इस बीच उनका एक ऐसा बयान आया है जिसके बाद एक बार फिर हिंदू आतंकवाद का मुद्दा गर्मा गया है।

खबरों के अनुसार कमल हासन ने एक तमिल साप्ताहिक मैगजीन में लिखे अपने लेख में हिंदू आतंकवाद पर टिप्पणी की है। उन्होंने लिखा है कि हिंदू संगठन पहले किसी मुद्दे का समाधान बातचीत से निकालने की कोशिश करते थे लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब वो ताकत का उपयोग करने लगे हैं। दक्षिण पंथी हिंसा में शामिल होने लगे हैं और हिंदू कैंपों में आतंकवाद घुस चुका है।
कमल हासन ने एक तमिल साप्ताहिक पत्रिका आनंदा विकटन में लिखे लेख में ये बाते कही हैं। उन्होंने लिखा है कि पहले हिंदू दक्षिणपंथी संगठन हिंसा में शामिल नहीं होते थे, वे लोग विरोधी पार्टियों से बातचीत से रास्ता निकाला करते थे लेकिन अब सब बदल गया है और बल का इस्तेमाल किया जा रहा है।
हासन ने आगे कहा कि दक्षिणपंथियों को अगर 'हिंदू आतंकवादी' की संज्ञा दी जाए तो यह गलत नहीं होगा। हासन ने आगे कहा कि ऐसी आतंकी गतिविधियों ने संगठनों को कोई फायदा नहीं होने वाला है। उन्होंने ये भी लिखा है कि लोगों की सत्यमेव जयते में आस्था खत्म हो चुकी है। और इसके स्थान पर अब वे जिसकी लाठी, उसकी भैंस' में विश्वास करने लगे हैं।
दरअसल, हाल ही में केरल के मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन ने कमल हसन से उन हालिया घटनाओं के बारे में विचार व्यक्त करने के लिए कहा था, जिन्हें विजयन ने स्वयं 'संप्रदायवाद' की संज्ञा देते हुए कहा था कि वे शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की तमिल द्रविड़ परम्परा को नष्ट कर रही हैं।
तमिलनाडु में सत्तासीन AIADMK पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाने वाले 62-वर्षीय एक्टर ने सितंबर में पिनारायी विजयन से मुलाकात की थी, और BJP से संबंध नहीं जोड़ने के संकेत देते हुए कहा था, "भगवा मेरा रंग नहीं हो सकता। हासन ने लेख में केरल सरकार की तारीफ की है। उनके इस बयान से हिन्दुवादी संगठनों में भारी उबाल है।
हासन के चाहने वालों को सात नवंबर का इंतजार है क्योंकि उस दिन उनका जन्मदिन होता है और वह राजनीति में आने पर बड़ा फैसला ले सकते हैं। इससे पहले कई मौकों पर हासन के राजनीति में आने पर कयास लगाए गए।

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