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छत्तीसगढ़ में किसान आंदोलन की भावी रणनीति पर भी हुई चर्चा, किसान नेता पहुंचे कोंडागांव
आज मां दंतेश्वरी हर्बल समूह के कार्यालय में छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ किसान नेता पारसनाथ साहू सपत्नीक पधारे। उनके द्वारा ग्राम चिकल पुटी स्थित जैविक पद्धति से की जा रही वनऔषधियों की खेती का निरीक्षण तथा फार्म भ्रमण किया गया।
उल्लेखनीय है कि साहू मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलियन टीक तथा काली मिर्च के साथ स्टीविया,सफेद मूसली हल्दी, की मिश्रित खेती के देश के प्रसिद्ध " उच्च लाभदायक बहु स्तरीय खेती (उलाबखे) के कोंडागांव माडल को देखने तथा समझने पधारे थे। उन्होंने खेती को देखने के बाद मुक्त कंठ से प्रशंसा की तथा कहा कि वह अपने साथी प्रगतिशील किसानों के दल को लेकर पुनः इस अनूठे हर्बल फार्म पर आएंगे तथा इसे अच्छे से समझ कर छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों में भी मां दंतेश्वरी हर्बल समूह के साथ जुड़कर, इस नई तरह की लाभदायक खेती को अपनाएंगे। किसान नेता को ऑस्ट्रेलियन टीक तथा काली मिर्च की खेती तथा इसमें होने वाला फायदा बहुत पसंद आया ।
मां दंतेश्वरी हर्बल समूह के अनुराग त्रिपाठी तथा जसमती नेताम के द्वारा अतिथियों को कोंडागांव के "उलाबखे-माडल" के बारे में खेतों पर ही सभी जानकारियां प्रदान की गई। फार्म भ्रमण के उपरांत मां दंतेश्वरी हर्बल परिसर में आयोजित एक सादे समारोह में अखिल भारतीय किसान महासंघ के राष्ट्रीय संयोजक डॉ राजाराम त्रिपाठी के द्वारा पारसनाथ साहू को शाल ओढ़ाकर नागरिक सम्मान किया गया इसी क्रम में संपदा समाज सेवी संस्थान की संस्थापक सदस्य शिप्रा त्रिपाठी के द्वारा श्रीमती साहू का शाल ओढ़ाकर नागरिक सम्मान किया गया। इस अवसर पर कई स्थानीय प्रगतिशील किसान उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि हाल में ही आए तीनों कृषि कानूनों को लेकर देश के किसान आंदोलित है साथ ही किसानों के द्वारा अपने उत्पादन के न्यूनतम समर्थन मूल्य की शत-प्रतिशत गारंटी हेतु बाध्यकारी कानून बनाने की मांग भी की जा रही है।' ऐसे में देश के 40 से अधिक किसान संगठनों के राष्ट्रीय मंच "अखिल भारतीय किसान महासंघ (आईफा)" के राष्ट्रीय संयोजक डॉ त्रिपाठी के साथ छत्तीसगढ़ के संघर्षशील वरिष्ठ किसान नेता पारस साहू जी का बस्तर आकर भेंट करना, छत्तीसगढ़ में किसान आंदोलन की भावी दशा और दिशा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।