छत्तीसगढ़

'पर्यावरण-मित्र सम्मान' डॉ राजाराम त्रिपाठी के नाम, 7 लाख पेड़ लगाकर उन्हें बचाकर बड़ा करने हेतु मिला सम्मान

Arun Mishra
1 July 2021 10:04 AM GMT
पर्यावरण-मित्र सम्मान डॉ राजाराम त्रिपाठी के नाम, 7 लाख पेड़ लगाकर उन्हें बचाकर बड़ा करने हेतु मिला सम्मान
x

डॉ. राजाराम त्रिपाठी (फाइल फोटो)

तीन बार देश के "सर्वश्रेष्ठ किसान" सम्मान सहित अब तक दर्जनों अवार्ड से हो चुके हैं सम्मानित

प्रतिष्ठित "पर्यावरण मित्र सम्मान-2021, पर्यावरण मित्र सम्मान, डॉ राजाराम त्रिपाठी, किसान नेता, Paryavaran Mitra Award-2021, Environment Mitra Award, Dr. Rajaram Tripathi, Farmer Leader," की घोषणा हो गई है। वर्ष 2021 का पर्यावरण-मित्र सम्मान जैविक तथा औषधीय पौधों की खेती तथा संरक्षण व संवर्धन में विगत ढाई दशक से से लगे हुए कोंडागांव बस्तर के डॉ राजाराम त्रिपाठी को दिया गया है।

काली मिर्च, सफेद मूसली, स्टीविया की मीठी पत्तियों, इंसुलिन के पौधे व काला चावल आदि खेती में नित्य नवाचार कर सफलता हासिल करने वाले डॉ राजाराम त्रिपाठी तथा उनके विश्वप्रसिद्ध "मां दंतेश्वरी हर्बल समूह" को पहले भी देश तथा विदेश से दर्जनों प्रतिष्ठित अवार्ड मिल चुके हैं।

आरबीएस स्विट्जरलैंड द्वारा दिया जाने वाला बेहद प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय "पर्यावरण-योद्धा, अर्थ-हीरो अवार्ड तथा ₹ एक लाख की सम्मान राशि भी कुछ वर्षों पूर्व उन्हें प्रदान किया गया था। इसी भांति लगभग एक दशक पूर्व, देश का प्रतिष्ठित "हलधर-सम्मान" तथा ₹एक लाख का चेक भी उन्हें राजस्थान सरकार के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के हाथों दिया गया है। यहां हमें इस बात की भी प्रशंसा करनी होगी कि डॉक्टर त्रिपाठी ने किसानों तथा आदिवासियों के उत्थान लिए कार्य कर रही अलाभकारी समाजसेवी संस्थाओं को पूरी की पूरी सम्मान राशि तत्काल भेंट कर दी। यह भी उल्लेखनीय है कि,डॉक्टर त्रिपाठी देश के पहले किसान हैं जिन्हें देश के सर्वश्रेष्ठ किसान का सम्मान अब तक तीन बार मिल चुका है। यह सम्मान" उन्हें छत्तीसगढ़ राज्य की सामाजिक सांस्कृतिक तथा आर्थिक उत्थान में विगत कई दशकों से सतत कार्यरत विशिष्ट संस्था "वक्ता मंच" के तत्वावधान में प्रदान किया गया। इस सम्मान हेतु डॉ त्रिपाठी का चयन,उनके द्वारा प्रदेश के पर्यावरण के संरक्षण हेतु, बिना किसी सरकारी अथवा गैर सरकारी मदद के,केवल अपने बूते पर अब तक सात लाख से अधिक पौधों को लगाकर पाल पोस कर बड़ा करने की महती उपलब्धि हेतु प्रदान किया गया है। उन्होंने यह सात लाख पौधे गहन सर्वेक्षण करके उन्हीं क्षेत्रों में लगाए व लगवाए हैं,जहां वनों की अंधाधुंध कटाई के कारण पर्यावरण में असंतुलन पैदा हो रहा है। इन पेड़ों के ऊपर काली मिर्च की बेलें चढ़ाई जाएगी तथा पेड़ों के नीचे दुर्लभ विलुप्त प्राय अर्थात खतरे में पड़ी प्रजातियों की वनौषधियों का रोपण कर उनका संरक्षण संवर्धन भी किया जाएगा ।

इस बहुस्तरीय वृक्षारोपण के साथ अंतर्वर्ती बहुमूल्य वनौषधियों की खेती से आसपास के गांवों में निवास करने वाले छोटे आदिवासी किसान परिवारों ,विशेषकर आदिवासी महिलाओं का आर्थिक उन्नयन के जरिए स्वावलंबन तथा सशक्तिकरण भी होगा। डॉक्टर त्रिपाठी से भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि आने वाले 3 सालों में उनके द्वारा ग्यारह लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है , और उम्मीद जाहिर की, कि जिस तरह से बस्तर के तथा प्रदेश के सभी क्षेत्रों के किसानों का सहयोग व समर्थन उन्हें मिल रहा है, उससे यह तय है कि, हम सब मिलकर जल्द ही ग्यारह लाख पौधे लगाने और उन्हें बचाने का यह बड़ा लक्ष्य भी हासिल कर लेंगे।

अंत में उन्होंने कहा कि कठिन कोरोना काल ने यह सिद्ध कर दिया है कि, पर्यावरण संतुलन, पर्याप्त नैसर्गिक ऑक्सीजन हमारे जीवन के लिए कितनी जरूरी है इसी के साथ ही, हमारी अनमोल जड़ी बूटियां भी धरोहर हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर इन जटिल बीमारियों, महामारियों से हमें बचाने में कारगर सिद्ध हुई हैं। इसलिए हम यह कह सकते हैं कि, प्रदेश व देश का स्वास्थ्य तथा समृद्धि दोनों ही इस समुचित बहुस्तरीय वृक्षारोपण पद्धति के द्वारा हासिल की जा सकती है। अंत में डा त्रिपाठी ने कहा कि इस समस्त उपलब्धियों का श्रेय बस्तर की माटी को, सभी परिजनों को, "मां दंतेश्वरी हर्बल समूह" के सभी सदस्यों को तथा विशेष रूप से हमारे साथ जुड़े उन सैकड़ों आदिवासी परिवारों को जाता है, जिन्होंने मुझ पर संपूर्ण विश्वास किया और लगातार ढाई दशकों से कंधे से कंधा मिलाकर हर समस्या का डटकर सामना किया और इतिहास रच दिया। डॉ त्रिपाठी की इस उपलब्धि से कोंडागांव, बस्तर सहित पूरे प्रदेश में विशेष रूप से किसानों में हर्ष का माहौल है। उन्हें इस उपलब्धि पर समाज सेवी संस्थान संपदा, सेंट्रल हर्बल एग्रो मार्केटिंग फेडरेशन(चैम्फ) ,अखिल भारतीय किसान महासंघ (आईफा) के सभी किसान साथियों तथा सदस्यों ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए बधाई दी है।

डॉ राजाराम त्रिपाठी

9425258105

मां दंतेश्वरी हर्बल समूह

Next Story