छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के किसानों ने फिर ठोकी ताल, "न्यूनतम समर्थन मूल्य" मोर्चे की देशव्यापी लड़ाई में सबसे आगे रहेंगे हम

Shiv Kumar Mishra
25 Nov 2022 5:31 AM GMT
छत्तीसगढ़ के किसानों ने फिर ठोकी ताल, न्यूनतम समर्थन मूल्य मोर्चे की देशव्यापी लड़ाई में सबसे आगे रहेंगे हम
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न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP, तथा अन्य जरूरी मुद्दों को लेकर छत्तीसगढ़ के किसान संगठनों ने एकजुट होते हुए एक बार फिर ताल ठोकी है। संयुक्त किसान मोर्चा दिल्ली के देशव्यापी आह्वान, तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य के मोर्चे में लड़ाई की आगे की रूपरेखा तय करने के विषय में , छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ से जुड़े संगठनों तथा अन्य किसान संगठनों के मुखियाओं की वर्चुअल बैठक 24 नवम्बर को संपन्न हुई। जिसमें छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संयोजक मंडल सदस्य तेजराम विद्रोही, वरिष्ठ किसान नेता भाई पारसनाथ साहू, भाई गजेंद्र कोसले, अखिल भारतीय किसान महासंघ (आईफा) के राष्ट्रीय संयोजक डॉ राजराम त्रिपाठी, छत्तीसगढ़ किसान महासभा के संयोजक वरिष्ठ किसान नेता भाई नरोत्तम शर्मा, अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के उपाध्यक्ष भाई मदन लाल साहू, भारतीय किसान यूनियन के छत्तीसगढ़ प्रभारी युवा किसान नेता प्रवीण श्योकंड, कृषक बिरादरी के सदस्य भाई पवन सक्सेना ने भाग लिया तथा सभी ने महत्वपूर्ण मुद्दे पर अपनी बेबाक राय पेश की। कुछ साथी तकनीकी कारणों से ऑनलाइन नहीं जुड़ पाए दूरभाष चर्चा द्वारा उन सब की सहमति इन मुद्दों पर प्राप्त कर ली गई है । सभी साथियों ने तय किए गए इन कार्यक्रमों में सम्मिलित होने की सहमति प्रदान की है।

छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संयोजक मंडल सदस्य और अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के सचिव तेजराम विद्रोही ने बताया कि सभी कृषि उपजों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी, बिजली बिल विधेयक 2020 को वापस लेने, लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्या के लिए जिम्मेदार मंत्री की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी, दिल्ली किसान आंदोलन में शहीद किसान परिवारों को सम्मानजनक मुआवजे आदि की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ में 26 नवम्बर को दोपहर 1 बजे राज्यपाल को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपने का निर्णय लिया गया है।

न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता तथा अखिल भारतीय किसान महासंघ आईफा के राष्ट्रीय संयोजक डॉ राजाराम त्रिपाठी बताया कि हमें किसानों से जुड़े हर मुद्दे पर एक साथ, एकजुट होकर खड़े रहना है। वर्तमान समय में किसानों की सबसे बड़ी समस्या उसके उत्पादन का उचित मूल्य नहीं मिल पाना है। इसलिए देश की हर फसल तथा प्रत्येक किसान के लिए एक सक्षम "न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी" कानून लाने हेतु देश के 223 किसानों ने एकजुट होकर दिल्ली में राष्ट्रीय न्यूनतम समर्थन मूल्य मोर्चा का गठन किया है।

इसी तारतम्य में 1 दिसंबर को महाराष्ट्र के पुणे में तथा 18 दिसंबर को उत्तराखंड के देहरादून में बड़े किसान सभाएं आयोजित होने जा रही है, जहां "फसल हमारी दाम तुम्हारा, नहीं चलेगा नहीं चलेगा" एवं "हर फसल के लिए एमएसपी, हर किसान के लिए एमएसपी" जैसे नारे गूंजेंगे नहीं चलेगा तथा।

छत्तीसगढ़ में भी ऐसी ही राष्ट्रीय स्तर की किसान संगठनों की बड़ी बैठक आयोजित की जानी है। इसकी विस्तृत कार्ययोजना बनाने हेतु छत्तीसगढ़ के सभी किसान संगठनों को आवाहन कर इसी दिसंबर 13 तारीख को रायपुर में एक बैठक आयोजित की जाएगी

"राष्ट्रीय किसान नेताओं" की उपस्थिति में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सभी फसलों और सभी किसानों को एमएसपी मूल्य की गारंटी का अधिकार सुनिश्चित हो इस संदर्भ में एक बड़ी बैठक आयोजित करने की योजना है। जिसमें छत्तीसगढ़ के सभी किसान संगठनों के प्रतिनिधि, समाजसेवी बुद्धिजीवी और समर्थक शामिल होंगे।

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