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उत्तराखंड सरकार के वैज्ञानिकों का दल छत्तीसगढ़ के बस्तर में पहुंचा, जहाँ हर्बल की खेती के लेगा जानकारी
उत्तराखंड ग्राम्य विकास तथा पंचायती राज संस्थान राज्य सरकार की टीम छत्तीसगढ़ पहुँच गई है. रायपुर एयरपोर्ट पर मा दंतेश्वरी हर्बल समूह की ओर से अपूर्वा त्रिपाठी तथा मनोज साहू ने टीम का स्वागत किया.
यह टीम छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाके में मां दंतेश्वरी हर्बल फार्म तथा रिसर्च सेंटर कोंडागांव के "उच्च लाभदायक बहुस्तरीय जैविक हर्बल कृषि मॉडल" का निरीक्षण करेगा, पहले भी इस टीम ने जाकर काली मिर्च और आस्ट्रेलियन टीक के पौधे के बारे में जानकरी ली है.
ऑस्ट्रेलियन टीक और काली मिर्च की होगी खेती
राजाराम त्रिपाठी ने हाल ही में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और राज्य के अधिकारियों को उन्नत प्रजाति के ऑस्ट्रेलियन टीक और काली मिर्च के पौधों की उच्च लाभदायक खेती के संबंध में जानकारी दी थी. इससे प्रभावित होकर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा है कि किसानों की आर्थिकी को बढ़ाने में ऑस्ट्रेलियन टीक और काली मिर्च की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है. राज्य में इसको बढ़ावा देने के लिए और क्या प्रयास हो सकते हैं, इस ओर ध्यान दिया जा रहा है.
उत्तराखंड से वैज्ञानिकों का दल आज करेगा दौरा
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा था कि जल्द ही उत्तराखंड से वैज्ञानिकों का एक दल मां दंतेश्वरी हर्बल फार्म और रिसर्च सेंटर कोंडागांव का निरीक्षण करेगा. इस मॉडल को किस तरह से उत्तराखंड में भी लागू किया जाए इसकी संभावनाओं पर एक रोडमैप तैयार किया जा रहा है. आज इस का निरिक्षण करने एक दल कोंडागाँव पहुँच चूका है.
ग्राम विकास और पंचायतीराज के तहत होगी खेती
राजाराम त्रिपाठी के मुताबिक उत्तराखंड में इस तरह की खेती की अच्छी संभावना है. रूद्रपुर में ग्राम्य विकास और पंचायतीराज संस्थान के तहत ऑस्ट्रेलियन टीक और काली मिर्च की खेती की जो शुरुआत की गई है इसके बहुत ही अच्छे परिणाम दिखाई दे रहे हैं.
डॉ राजाराम त्रिपाठी ने बताया
ऑस्ट्रेलियन टीक तथा काली मिर्च के पौधे जो कि ग्राम्य में विकास संस्थान रुद्रपुर में लगाए गए हैं, कोंडागांव बस्तर अपने मूल स्थान से भी ज्यादा अच्छी प्रगति उत्तराखंड में देखी गई है. जुलाई 2020 में लगाए गए 1 फीट के पौधे आज 2 फरवरी को केवल 6 महीने में सात आठ फीट के हो गए हैं. इस प्रगति को देखकर में भी अचंभित हूँ. लिहाजा बस्तर से भी ज्यादा सटीक स्थान पैदावार का उत्तराखंड बन जायेगा.