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राजधानी दिल्ली (Delhi) में सीवर (Sewer) के अंदर जहरीला गैस की चपेट में आकर जान गंवाने का सिलसिला जारी है। पिछले माह संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर और दल्लूपुरा में दो जगह हुए हादसों में छह लोगों की सीवर की चपेट में आकर मौत हुई थी। अब बुधवार को बवाना (Bawana) में भी इसी तरह का हादसा हो गया। यहां बवाना इंडस्ट्रियल एरिया में दो लोग सीवर की जहरीली गैस की चपेट में आकर अपनी जान गंवा बैठे|
दरअसल एक युवक प्लास्टिक का कूड़ा बीनने के लिए गहरे सीवर में उतरा था। काफी देर तब जब वह वापस नहीं आया तो उसके 12 वर्षीय भाई ने शोर मचा दिया। वहां से गुजर रहा मिनी टेंपो (छोटा हाथी) चालक युवक को बचाने नीचे उतरा और वह भी जहरीली गैस की चपेट में आ गया। बाद में खबर मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस व दमकल कर्मियों ने किसी तरह दोनों को सीवर से बाहर निकाला। बता दें कि इनकी पहचान अब्दुल सलाम (18) और टेंपो चालक चितरंजन चौधरी (26) के रूप में हुई है। बवाना थाना पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अंबेडकर अस्पताल की मोर्चरी भेज दिया है।
पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। पुलिस के मुताबिक बुधवार सुबह करीब 11.26 बजे गंगा टोली रोड, बालाजी चौक, सेक्टर-4, डीएसआईडीसी बवाना से सूचना मिली कि यहां दो लोग सीवर में फंस गए हैं। खबर मिलते ही पुलिस के अलावा दमकल की दो गाड़ियों को मौके पर भेजा गया। घटना स्थल पर पुलिस ने 12 वर्षीय नाबालिग साहिल व अन्य लोग मिले।
साहिल ने बताया कि वह अपने भाई अब्दुल सलाम के साथ मिलकर कूड़ा बीनने का काम करता है। बुधवार सुबह करीब 10.45 बजे दोनों भाई यहां पहुंचे थे। अब्दुल सलाम ने गहरे सीवर का ढक्कन खोला। वह अंदर से प्लास्टिक का कूड़ा बीनने की नियत से सीवर के अंदर चला गया जबकि साहिल बाहर खड़ा रहा। इस बीच काफी देर तक जब अब्दुल बाहर नहीं आया तो साहिल ने शोर मचा दिया। वहां से गुजर रहा टाटा एस (मिनी टेंपो) चालक चितरंजन चौधरी साहिल के चिल्लाने पर रुक गया। बाद में वह अब्दुल सलाम को बचाने के लिए गहरे सीवर में उतरा, लेकिन वह भी वापस नहीं आ गया। इसके बाद साहिल ने दोबारा शोर मचाया।
बाद में इस मामले की सुचना दमकल कर्मियों को दी गई। खबर मिलने के बाद मौके पर पहुंचे दमकल कर्मियों ने बचाव कार्य शुरू की। करीब आधे घंटे के बाद एक-एक दोनों युवकों को सीवर से बाहर निकाला गया। दोनों को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां उनको मृत घोषित कर दिया गया। बाद में छानबीन के बाद पुलिस को पता चला कि कूड़ा बीनने वाला अब्दुल सलाम परिवार के साथ जेजे कालोनी बवाना इलाके में रहता था। इसके परिवार में माता-पिता व अन्य सदस्य हैं। अब्दुल मूलरूप से बंगाल का रहने वाला था।
वहीं मूलरूप से बिहार के मुजफ्फरपुर का रहने वाला चितरंजन चौधरी किराए का मकान लेकर प्रकाश नगर, शाहबाद-दौलतपुर में रहता था। चितरंजन अभी अविवाहित था। इसका परिवार बिहार में रहता है। पुलिस ने परिवार को उसकी मौत की सूचना दे दी है। परिवार दिल्ली के लिए रवाना भी हो गया है।