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दिल्ली हिंसा: सरेंडर के लिए पहुंचे ताहिर हुसैन को कोर्ट की पार्किंग से ही पुलिस ने दबोचा

Arun Mishra
5 March 2020 8:58 AM GMT
दिल्ली हिंसा: सरेंडर के लिए पहुंचे ताहिर हुसैन को कोर्ट की पार्किंग से ही पुलिस ने दबोचा
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दिल्ली में दंगों और अंकित शर्मा की हत्या के आरोपी ताहिर हुसैन ने Rouse Avenue कोर्ट में सरेंडर की याचिका लगाई थी। वह अदालत में सरेंडर करने जा रहा था।

नई दिल्ली : दिल्ली हिंसा से जुड़े तीन मामलों में आरोपी पार्षद ताहिर हुसैन को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम ने गिरफ्तार कर लिया है. दरअसल, ताहिर ने आज राउज एवेन्यू कोर्ट नें सरेंडर अर्जी लगाई थी. इस पर जज ने कहा कि इस अर्जी पर सुनवाई का जुरीडिक्शन नहीं बनता है और अर्जी खारिज कर दी गई. इसके बाद ताहिर को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

इससे पहले सरेंडर अर्जी पर सुनवाई के दौरान ताहिर हुसैन के वकील ने कहा कि कोर्ट या तो कोई ऑर्डर कर दे या फिर किसी दूसरी कोर्ट में अर्जी को ट्रांसफर कर दे. जज ने कहा कि यह हमारे जुरीडिक्शन में नहीं आता है. इसके बाद ताहिर जैसे ही कोर्ट की पार्किंग में गया, उसे क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया.

इसे पहले, निष्काषित AAP पार्षद ताहिर के वकील मुकेश कालिया ने बताया, वह सरेंडर करने के लिए राउज़ एवेन्यू कोर्ट (दिल्ली) के रास्ते में हैं। अगर वह बीच में गिरफ्तार किए बिना कोर्ट पहुंचते हैं तो वो अदालत के सामने सरेंडर करेंगे।

इससे पहले, सरेंडर करने से पहले उन्होंने एक टीवी चैनल में उन्होंने कहा है कि मुझे अपने देश के कानून पर विश्वास है। मैं बेकसूर हूं और हर किसी टेस्ट के लिए तैयार हूं। उन्होंने कहा कि मैं नारको टेस्ट के लिए तैयार हूं मैंने कोई अपराध नहीं किया है। मुझे एक राजनीतिक षड्यंत्र के तहत फंसाया जा रहा है। उन्होंने षड्यंत्र में बीजेपी नेता कपिल मिश्रा का नाम भी लिया है।

मुझे पूरी उम्मीद है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होगी और मैं बेकसूर साबित होंगा। मैं खुद दंगा पीड़ित हूं। मुझे पुलिस ने रेस्क्यू किया है। वहीं उन्होंने कहा कि मुझे अपने परिवार के बारे में भी अभी कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि वहां हिंसा की जो भी घटनाए हुई हैं वो मेरे वहां से जाने के बाद हुई है। मुझे और मेरे परिवार को 24 फरवरी को दिल्ली पुलिस ने वहां से रेस्कूय किया था।

आम आदमी पार्टी से निलंबन पर ताहिर ने कहा कि ये निर्णय क्यों लिया गया मुझे इसके विषय में कुछ मालूम नहीं है। मैं हिंदू आबादी के बीच रहा हूं। उनके लिए काम किए है। मेरा आधे से ज्यादा स्टाफ हिंदू है। पहले एक आरोप था उसके बाद मुझ पर और चार्ज लगा दिए गए। मेरी खुद की जिंदगी तबाह हो गई है। मैं उस इलाके का जाना माना चेहरा था। इसलिए मुझे फंसाया गया। 24 को मैं वहां से अपनी जान बचा के भागा हूं। वहां भीड़ कैसे पहुंची और जो भी सामान मिला वो कहां से आया, मुझे इस विषय में कुछ भी मालूम नहीं है।

24 को वहां से निकलने के बाद पुलिस ने मेरे घर की बिल्डिंग को अपने कब्जे में ले लिया था। वहां से निकलने से पहले पुलिस वालों और हिंदू पक्ष के लोगों ने मेरे घर की तलाशी भी ली थी। वहां जो भी अपराध हुआ मेरे वहां से निकलने के बाद हुआ। इसके बाद भी मुझ पर कई आरोप लगा दिए गए हैं। मैं चाहता हूं इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हो।

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