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दिल्ली महिला आयोग ने झारखंड की 12 वर्षीय लड़की को रोहतक से रेस्क्यू करवाया

Shiv Kumar Mishra
1 March 2020 12:49 PM GMT
दिल्ली महिला आयोग ने झारखंड की 12 वर्षीय लड़की को रोहतक से रेस्क्यू करवाया
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लड़की को प्लेसमेंट एजेंसी ने रोहतक में काम पर लगवाया था, घर के सारे काम करवाए जाते थे, जिसके उसे कोई पैसे नहीं मिलते थे
शनिवार देर रात दिल्ली महिला आयोग ने एक 12 वर्षीय लड़की को रोहतक से रेस्क्यू करवाया है। दिल्ली महिला आयोग को एक महिला ने आकर शिकायत दी कि उसकी बेटी को 3 साल पहले काम के बहाने झारखंड से एक प्लेसमेंट एजेंसी द्वारा ज़बरन दिल्ली लाया गया था। लड़की की माँ के पास उसके ही इलाके की एक महिला ने लड़की को काम पर लगवाने की पेशकश करी थी जिसे जब लड़की की माँ ने ठुकरा दिया तो लड़की को माँ की गैरमौजूदगी में ज़बरन गाँव से ले आया गया।

3 साल से लड़की गाँव से दूर थी लेकिन उसकी माँ को यह जानकारी नहीं थी कि उसे झारखंड से कहाँ काम पर लगाने के लिए ले जाया गया है।

लड़की की माँ जब उस महिला से अपनी बेटी की जानकारी माँगती थी तो उसे धमकाकर शांत करवा दिया जाता था। महिला की शिकायत मिलने पर आयोग की सदस्या फिरदौस खान ने तुरन्त _ के SHO को कॉल कर प्लेसमेंट एजेंसी और लड़की की जानकारी दी, जिसके बाद प्लेसमेंट एजेंसी से पता लगा कि लड़की इस वक्त रोहतक के किसी घर मे काम पर लगवाई गयी है।

DCW ने रोहतक के SSP को कॉल कर लड़की की जानकारी दी। हरियाणा पुलिस ने दिए गए पते पर जाकर लड़की से बात करी जिसके बाद जब उस घर के मालिक को पता लगा कि दिल्ली महिला आयोग द्वारा कार्यवाई की जा रही है तो वो दबाव में लड़की को दिल्ली महिला आयोग के दफ्तर छोड़कर फरार हो गया। गौरतलब है कि जिस व्यक्ति के यहां लड़की को काम पर लगाया गया था वो खुद पढ़ा लिखा पैसे वाला आदमी है। प्लेसमेंट एजेंसी के मालिक को दिल्ली पुलिस ने फिर हिरासत में ले लिया।

लड़की के परिवार वालों को दिल्ली महिला आयोग के दफ्तर बुलाया गया जहां उसे उसकी बेटी से मिलवाया गया। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल की मौजूदगी में पुलिस ने लड़की के बयान दर्ज करे और लड़की के बयानों से पता लगा कि उसकी उम्र 12 साल है और उसे झारखंड से 3 साल पहले नौकरी के नाम पर दिल्ली लाया गया था जहां से उसे हरियाणा काम करने के लिए भेजा गया। जिस घर से लड़की रेस्क्यू हुई, उस घर में लड़की पिछले 1.5 साल से काम कर रही थी जहां उससे घर की सफाई से लेकर सारे काम करवाए जाते थे लेकिन उसे आजतक उसके काम के लिए एक भी पैसा नहीं दिया गया। लड़की को पढ़ने नहीं दिया जाता था और उसे बुरी स्थिति में रखा जाता था।


स्वाति और आयोग की सदस्या फिरदौस ने जब लड़की से बात करी तो लड़की बहुत डरी और सहमी हई लग रही थी, उसके हाथों को देखकर ये पता लगाया जा सकता था कि उससे बहुत ज़्यादा काम करवाया जाता था।

देर रात तक दिल्ली महिला आयोग दफ्तर में लड़की से बातचीत कर पुलिस द्वारा बयान दर्ज किए गए। पुलिस मामले में FIR दर्ज कर रही है और महिला आयोग बच्ची के पुनर्वास और स्कूली शिक्षा के लिए काम करेंगा।


DCW अध्यक्षा स्वाति मालीवाल ने कहा, "मुझे बहुत गर्व है अपनी टीम पर जो दिन रात मेहनत कर महिलाओं के हित के लिए काम करती है। आयोग की सदस्या फिरदौस को शिकायत मिलते ही उन्होंने बिना देर लगाए लड़की को हरियाणा से रेस्क्यू करवा लिया। पिछले 4 साल में हमने ऐसी सैंकड़ों लड़कियों को देश के कोने कोने से रेस्क्यू करवाया है जिन्हें इन प्लेसमेंट एजेंसियों द्वारा छोटी उम्र में बेच दिया जाता है। हमारी कोशिश है सरकार इन प्लेसमेंट एजेंसियों द्वारा की जा रही गैरकानूनी गतिविधियों की रोकथाम के लिए कड़े कानून बनाये जिससे कोई भी लड़की इस प्रकार इस रैकेट का शिकार ना बन पाए। साथ ही पुलिस को ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्यवाही करनी ही चाहिए।"

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