
Journey of Kalyan Singh till he became Chief Minister: कल्याण सिंह का मुख्यमंत्री बनने तक की यात्रा का सफर, जब पहुंचे मंत्रियों संग अयोध्या

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह ने शनिवार को दुनिया छोड़ दिया। 89 वर्ष के कल्याण सिंह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनका जन्म 5 जनवरी 1932 को अलीगढ़ जिले की अतरौली तहसील के मढ़ौली गांव में एक साधारण किसान परिवार में हुआ था। वे बचपन में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गये थे। उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने अध्यापक की नौकरी की। उन्होंने इसके साथ ही राजनीति भी जारी रखी। वर्ष 1991 में भाजपा की उत्तर प्रदेश में बनी सरकार के पहले मुख्यमंत्री बने। दुनिया छोड़ गए लेकिन राजनीति में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।
कल्याण सिंह का मुख्यमंत्री बनने तक की यात्रा
कल्याण सिंह वर्ष 1967 में जनसंघ के टिकट पर अलीगढ़ के अतरौली विधानसभा सीट से जीत हासिल कर पहली बार विधानसभा में पहुंचे। वर्ष 1980 तक लगातार इसी सीट से जीतते रहे। जनसंघ का जनता पार्टी में विलय हो गया और वर्ष 1977 में उत्तर प्रदेश में जनता पार्टी की सरकार बनी। उसमें उन्हें राज्य का स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया। हालांकि कल्याण सिंह को वर्ष 1980 के विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था।
1980 में जनसंघ से जुड़े नेताओं ने जनता पार्टी से अलग होकर भारतीय जनता पार्टी का गठन किया। तब कल्याण सिंह को पार्टी का प्रदेश महामंत्री बनाया गया। अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन के दौरान उन्होंने गिरफ्तारी देने के साथ ही कार्यकर्ताओं में नया जोश भरने का काम किया था। इसी आंदोलन के दौरान ही उनकी छवि राम-भक्त की हो गई। वे केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में लोकप्रिय हो गए। इसलिए 1991 में जब यूपी में पहली बार भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी थी। तो उसके मुखिया कल्याण सिंह ही बनाये गये थे।
अयोध्या में विवादित बाबरी मस्जिद का विध्वंस
अयोध्या में जब राम-जन्मभूमि के लिए आंदोलन चल रहा था। तब उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने 30 अक्टूबर 1990 को अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलवाई थी। इस गोलीबारी में बहुत से कारसेवकों की मौत हो गई। भाजपा ने तब कल्याण सिंह को इसका मुकाबला करने के लिए आगे किया। कल्याण सिंह ने इसे मुद्दा बनाकर जातिगत समीकरणों में बदल दिया। नतीजा यह हुआ कि कल्याण सिंह के नेतृत्व में बीजेपी ने 1991 में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई।
कल्याण सिंह मुख्यमंत्री बनने के तुरंत बाद अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ अयोध्या दौरे पर पहुंचे। अयोध्या में वहीं पर राम मंदिर के निर्माण की शपथ ली। कल्याण सिंह के कार्यकाल में ही 6 दिसंबर 1992 को कारसेवकों ने अयोध्या में विवादित बाबरी मस्जिद का ढ़ांचा ढ़हा दिया। अयोध्या में मस्जिद के ढांचे के गिरते ही कल्याण सिंह ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।