दिल्ली

विख्यात साहित्यकार लक्ष्मी शंकर वाजपेई बोले-मौजूदा समय से निपटने के लिए व्यंग्य विधा ही कारगर हथियार

विख्यात साहित्यकार लक्ष्मी शंकर वाजपेई बोले-मौजूदा समय से निपटने के लिए व्यंग्य विधा ही कारगर हथियार
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नई दिल्ली। विख्यात साहित्यकार लक्ष्मीशंकर वाजपेई ने कहा है कि मौजूदा समय बहुत भयावह हो गया है और इससे निपटने के लिए हमलोगों के लिए साहित्य की व्यंग्य विधा ही एकमात्र हथियार है। वाजपेई शनिवार को दिल्ली स्थित हिंदी भवन में व्यंग्य लेखकों के सम्मान समारोह में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि मौजूदा समय की विसंगतियों, विडंबनाओं और दबंगई के खिलाफ हमें व्यंग्य लेखन को और धारदार बनाने की जरूरत है। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आजादी के बाद से अब तक ऐसा कभी नहीं हुआ, जैसा इन दिनों हो रहा है। उन्होंने कहा कि विरोध करने पर जेल भेज दिया जाता है। अदालत पर झंडा फहरा दिया जाता है। जगह मोब लॉचिंग किया जा रहा है। वाजपेई ने कहा कि अपने देश में जब आपातकाल लागू हुआ था तब रचनाकारों,पत्रकारों और आम जनता ने उसका निर्भय होकर विरोध किया था।

आज भी उसी हिम्मत से विरोध किया जाना चाहिए। इसके पहले नाटककार प्रताप सहगल ने कहा कि आज व्यंग्य लेखकों की बहुत भीड़ हो गई है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि भविष्य में व्यंग्य विधा में और भी निखार आएगा। सम्मान समारोह में हरी नाथ जोशी,गोपाल चतुर्वेदी,एम् एम् चंद्रा,अलंकार रस्तोगी और सुरेश कुमार मिश्रा को प्रख्यात व्यंग्यकार रविन्द्र नाथ त्यागी स्मृति सम्मान से सम्मानित किया गया। सम्मान समारोह में प्रख्यात नाटककार प्रस्ताव सहगल, साहित्य अकादेमी कि पत्रिका समकालीन साहित्य के अतिथि संपादक बलराम, नई धारा के संपादक शिवनारायण, विख्यात व्यंग्य रचनाकार प्रेम जन्मजेय, आशा कुंद्रा आदि मौजूद थे।

समारोह के दूसरे सत्र में सियाराम अवस्थी रचना पुरस्कार से चर्चित कथाकार पंकज सुबीर और जय प्रकाश पाण्डेय सम्मानित किए गए। पुष्पा देवी अवस्थी आलोचना सम्मान से डॉ गौतम सान्याल और डॉ सुरेश कांत सम्मानित किए गए। सम्मान समारोह का आयोजन रविन्द्र नाथ त्यागी स्मृति सम्मान प्रबंध समिति, बी पी ए फाउंडेशन और इंडिया नेट बुक्स ने मिल कर किया था। संचालन रण विजय राव ने किया।


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