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वजन घटाइए, बोनस लीजिए... देश की जानी- मानी कंपनी ने अपने कर्मचारियों से क्यों कहा ऐसा

Sakshi
10 April 2022 1:01 PM GMT
वजन घटाइए, बोनस लीजिए... देश की जानी- मानी कंपनी ने अपने कर्मचारियों से  क्यों कहा ऐसा
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कामत ने बीते 7 मार्च को वर्ल्ड हेल्थ डे के मौके पर अपनी कंपनी के कर्मचारियों के लिए एक हेल्थ प्रोग्राम की घोषणा की थी।

देश की जानी-मानी शेयर ब्रोकिंग कंपनी (Share Broking Company) जेरोधा (Zerodha) के संस्थापक (Founder) और सीईओ (CEO) अपनी ट्वीट की वजह से अक्सर चर्चा में रहते हैं। इस बार कर्मचारियों के वजन को लेकर उनकी ओर से किया गया ट्वीट (Tweet) खूब सुर्खियां बटोर रहा है। इस ट्वीट के जरिए उन्होंने अपनी कंपनी के कर्मचारियों से वजन घटाने और ​फिट रहने की अपील की है। ऐसा करने पर सफल होने वालों को उन्होंने बोनस देने की घोषणा भी की है। लेकिन सोशल मीडिया कुछ यूजर्स उनकी इस सलाह से खुश नहीं हैं। आइए इस पूरे मामले के बारे में जानते हैं।

कामत ने बीते 7 मार्च को वर्ल्ड हेल्थ डे के मौके पर अपनी कंपनी के कर्मचारियों के लिए एक हेल्थ प्रोग्राम की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि ऐसे कर्मचारी जिनका बॉडी मास इंडेक्स (BMI) 25 से कम होगा, उन्हें आधे महीने की सैलरी बोनस के रूप में दी जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि अभी जेरोधा के कर्मचारियों की औसत बीएमआई 25.3 है। उन्होंने कहा था कि अगर कंपनी के कर्मी अपना बीएमआई घटाकर 24 तक लाते हैं तो उन्हें और आधे महीने की सैलरी बोनस के रूप में कंपनी देगी।

चैलेंज पूरा करने के लिए कंपनी के कर्मियों को दिया गया अगस्त तक का समय

कामत ने इस चैलेंज को पूरा करने के लिए कर्मचारियों को अगस्त महीने तक का समय दिया है। इस चैलेंज का मतलब है कि अगले करीब 4 महीने में कर्मचारियों के पास बोनस पाने का मौका है। हालांकि, कंपनी के फाउंडर का यह चैलेंज सिर्फ कंपनी के मोटे कर्मचारियों के लिए ही है। जिनका बीएमआई पहले से कम है, वे चाहकर भी इसका फायदा नहीं उठा सकते हैं।

कर्मचारियो की सेहत पर रहती है फाउंडर की नजर

कामत पहले भी इंप्लॉइज की अच्छी सेहत के लिए कुछ न कुछ प्रोग्राम का ऐलान करते रहे हैं। इससे पहले भी पिछले साल उन्होंने कंपनी में 12 महीने का गेट-हेल्दी गोल प्रोग्राम शुरू किया था। इस कार्यक्रम को कोरोना की महामारी के बीच अपनी सेहत का ध्यान रखने को प्रोत्साहित किया गया था। आपको बता दें​ उस दौरान वर्क फ्रॉम होम के कारण अपने घरों से ही काम कर रहे थे।

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