दिल्ली

आईएएस अधिकारी के सवाल से तिलमिला जायेगी मोदी सरकार , अर्थ व्यवस्था के नाम पर पब्लिक और लेनदार ही क्यों दंड भोगे? यह कैसा न्याय?

Shiv Kumar Mishra
8 March 2020 7:46 AM GMT
आईएएस अधिकारी के सवाल से तिलमिला जायेगी मोदी सरकार , अर्थ व्यवस्था के नाम पर पब्लिक और लेनदार ही क्यों दंड भोगे?  यह कैसा न्याय?
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आईएएस अधिकारी का ईमानदारी के चलते अब तक अनगिनत बार हो चूका है तबादला

हरियाणा सरकार के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और ईमानदारी के चलते हर सरकार में अँधेरे में रहने वाले अशोक खेमका ने सरकार की फिर दुखती रग छू दी है. उन्होंने कहा है कि करे कोई और भरे कोई ये कैसा न्याय है?

आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने कहा है कि करे कोई, भरे कोई. प्रमोटर्स का क्यों नहीं दीवाला निकलता? उनकी व्यक्तिगत सम्पत्ति क्यों नहीं ज़ब्त होती? उनके शान शौकत में क्या कोई फर्क़ पड़ता है? अर्थ व्यवस्था के नाम पर पब्लिक और लेनदार ही क्यों दंड भोगे? यह कैसा न्याय?

यह बात खेमका ने अभी अभी यस बेंक को लेकर कही है. जहाँ लेनदार अपनी कमाई हुई गाढ़ी रकम के वापसी के इन्तजार में बैठा है. कि कब उसे हरी झंडी मिले और अपने पैसे का विड्रावल कर सके और अपनी धडकन को शांत कर सके. पिछले तीन दिन से उसका ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ है.

आईएएस अधिकारी के सवाल बड़ा ही वाजिव है जब जनता का पैसा लेकर प्रमोटर एसो आराम और शानोशौकत की जिन्दगी जी रहे होते है तब सरकार क्यों खामोश होकर यह तमाशा देखती है जो अब जनता सडक पर खड़े होकर चीख और चिल्ला रही है. एक बेंक या एनबीएफसी ड़ूब जाती है और सबकी रकम भी खत्म हो जाती है.

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