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निर्भया केस: फिर टल सकती है फांसी, मुकेश की याचिका पर जल्द सुनवाई करेगा SC
निर्भया केस में फांसी के दोषी मुकेश के वकील ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी और उसपर तत्काल सुनवाई की मांग की थी। राष्ट्रपति द्वारा मुकेश की दया याचिका ठुकराये जाने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसपर कोर्ट ने वकील को रजिस्ट्री से सम्पर्क करने को कहा है। इस मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा है कि जिस व्यक्ति को 1 फरवरी को फांसी होनी है, उसकी याचिका पर सुनवाई टॉप प्रायोरिटी पर होनी चाहिए।
आपको बता दें कि मुकेश ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका लगाई थी, जिसके खारिज होने के बाद उसने सुप्रीम कोर्ट में उसे चुनौती दी है। यह याचिका संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दी गई है। इसमें सुप्रीम कोर्ट के शत्रुघभन चौहान मामले में दिए गए फैसले का भी हवाला दिया गया है। ग्रोवर ने कहा कि शत्रुघ्न चौहान प्रकरण में शीर्ष अदालत द्वारा निर्धारित मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है। इन मानकों में ऐसे कैदी को आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने की अनिवार्यता भी शामिल है।
यह था 2014 का शत्रुघ्न चौहान मामला
सुप्रीम कोर्ट ने शत्रुघ्न चौहान मामले में दिए गए अपने फैसले में दया याचिका अरसे तक लंबित रहने के मद्देनजर कहा था, लंबा इंतजार दोषियों के लिए मानसिक प्रताड़ना के समान है। कोर्ट ने कहा था कि डेथ वारंट जारी होने और फांसी देने के बीच कम से कम 14 दिन का अंतराल होना चाहिए। बीते 22 जनवरी को गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में 2014 के शत्रुघ्न चौहान मामले के फैसले को स्पष्ट करने की मांग की है।
अब बताया जा रहा है कि मुकेश की याचिका पर कल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो सकती है, जिससे फैसला में भी कोई विलंब नहीं होगा। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि अभी सिर्फ दूसरे दोषियों की दया याचिका पर बाकी है, जिसके बाद 1 फरवरी को होने वाली फांसी की सजा एक बार फिर टल सकती है।