दिल्ली

निर्भया गैंगरेप: पटियाला हाउस कोर्ट में डेथ वॉरंट पर सुनवाई टली, इस दिन आ सकता है फांसी का फैसला

Sujeet Kumar Gupta
18 Dec 2019 1:52 PM IST
निर्भया गैंगरेप: पटियाला हाउस कोर्ट में डेथ वॉरंट पर सुनवाई टली, इस दिन आ सकता है फांसी का फैसला
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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप के गुनाहगार अक्षय ठाकुर की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया. अब इस मामले में दोपहर 2 बजे पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई हुई माना जा रहा था कि कोर्ट आज चारों दोषियों का डेथ वॉरंट जारी कर सकता है। लेकिन एक बार फिर पटियाला हाउस कोर्ट में डेथ वारंट पर सुनवाई टल गई है. अब इस मामले में 7 जनवरी 2020 को अगली सुनवाई होगी।

वहीं मुकेश को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 3.15 बजे पेश किया जाएगा क्योंकि इस मामले में उसका कोई वकील नहीं है.

कोर्ट ने कहा कि मैं आप लोगों को पूरा वक्त दे रहा हूं. इसीलिए 7 जनवरी तक तैयारी पूरी कर लें. इसके साथ ही कोर्ट ने जेल प्रशासन को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है.

एमिकस क्यूरी ने कोर्ट को कहा कि इस मामले में आपको (जज) कुछ समय लेना चाहिए क्योंकि इस केस में जल्दबाजी के बजाय सही फैसला लेना ज्यादा जरूरी है.

वकील ने कहा कि हालांकि उनमें नियमों का पालन करना होता है, जो सुप्रीम कोर्ट ने फांसी के लिए बनाए हैं.

सरकारी वकील राजीव मोहन ने कहा कि दया याचिका से पहले डेथ वारेंट जारी किया जा सकता है

जेल प्रशासन का कहना है कि दोषी मुकेश दया याचिका नहीं देना चाहता है. इसके अलावा दोषी विनय अपनी दया याचिका वापस ले चुका है.

पटियाला हाउस कोर्ट में दोषी मुकेश की तरफ से कोई वकील पेश नहीं हुआ है.

निर्भया के माता-पिता के वकील ने डेथ वारंट जल्द जारी करने की मांग की है.

पिछली सुनवाई के दौरान पटियाला हाउस कोर्ट ने कहा था कि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं. ऐसे में हम डेथ वॉरंट जारी नहीं कर सकते. वहीं सुप्रीम कोर्ट में फैसला सुनाते हुए जस्टिस भानुमति ने कहा कि ट्रायल और जांच सही हुई है और उसमें कोई खामी नहीं है. मृत्यु दंड का सवाल है तो उसमें कोर्ट ने बचाव का पूरा मौका दिया है. जज ने कहा कि हमें याचिका में कोई ग्राउंड नहीं मिला है. इस तरह अक्षय की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी गई।

वहीं दोषियों के वकील ने आज क्यूरेटिव पिटीशन दायर करने की बात कही है. वकील ए.पी सिंह ने बताया कि वो क्यूरेटिव पिटीशन दायर करेंगे. सिंह ने बताया कि क्यूरेटिव पिटीशन के बाद ही उनकी तरफ से दया याचिका लगाई जाएगी

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा...

बुधवार को अपने फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'इस मामले में सभी तर्कों को सुना जा चुका है, याचिकाकर्ताओं की ओर से कोई भी ऐसी दलील नहीं दी गई जिसके आधार पर रिव्यू पिटीशन को स्वीकार किया जाए'. सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा, 'ट्रायल कोर्ट, हाईकोर्ट के द्वारा पहले ही जांच को पूरी तरह से परखा जा चुका है. हमें इन दलीलों में कुछ नया नहीं दिख रहा है, इसी आधार पर पुनर्विचार याचिका को तुरंत खारिज किया जाता है.'

सर्वोच्च अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता की ओर से जो प्रक्रिया की जांच की मांग की है, उसे स्वीकारा नहीं जा सकता है. ट्रायल की प्रक्रिया सही हुई है, उसमें कोई भी खामी नहीं है.

क्या होता है डेथ वारंट?

कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर-1973, यानी दंड प्रक्रिया संहिता- 1973 (CrPC) के तहत 56 फॉर्म्स होते हैं. फॉर्म नंबर 42 को डेथ वारंट कहा जाता है. इसके ऊपर 'वारंट ऑफ एक्जेक्यूशन ऑफ अ सेंटेंस ऑफ डेथ' लिखा होता है. वहीं इसे ब्लैक वारंट भी कहा जाता है. इसके जारी होने के बाद ही किसी व्यक्ति को फांसी दी जाती है।

गौरतलब है कि दिसंबर 2012 में निर्भया के साथ गैंगरेप कर उनकी निर्मम तरीके से हत्‍या कर दी गई थी. इस मामले में निचली अदालत ने आरोपियों को दोषी ठहराते हुए उन्‍हें फांसी की सजा सुनाई थी. इसके बाद यह मामला हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. शीर्ष अदालत ने वर्ष 2017 में दोषियों की याचिका को खारिज कर दिया था. अब 18 दिसंबर को मामले के एक दोषी अक्षय की ओर से दायर पुनर्विचार याचिका को भी शीर्ष अदालत ने ठुकरा दिया है.

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