
Omicron से खतरे को लेकर SC में अर्जी, 5 चुनावी राज्यों में रैलियों पर लगे रोक

नई दिल्ली: Omicron के बढ़ते हुए खतरे को देखते हुए 5 राज्यों में होने वाले चुनाव को लेकर हो रही राजनीतिक रैलियों पर रोक लगाने का मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) तक पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल करके राज्यों में हो रही राजनीतिक रैलियों पर रोक (To Stop Political Rallies) लगाने की मांग की गई है.
याचिका में की गई ये मांग
सुप्रीम कोर्ट (SC) में अर्जी (Petition) दाखिल करके चुनाव आयोग को ये निर्देश देने की मांग की गई है कि तमाम राजनीतिक पार्टियों को डिजिटल रैली (Digital Rally) को लेकर आदेश जारी करें. सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करके ये भी कहा गया है कि चुनाव आयोग (EC) का राजनीतिक रैलियों को लेकर जो आदेश दिया गया है उसका पालन नहीं हो रहा है. वकील विशाल तिवारी (Vishal Tiwari) ने सुप्रीम कोर्ट में ये याचिका दाखिल की है.
मंडरा रहा तीसरी लहर का खतरा
गौरतलब है कि देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) की तीसरी लहर (Third Wave) का खतरा मंडरा रहा है. नए वैरिएंट Omicron को लेकर देशभर में अलर्ट है. दिल्ली (Delhi) सहित कई राज्यों में पाबंदियां भी लगा दी गई हैं. इन सब के बीच यूपी (UP) सहित पांच राज्यों में जल्द ही विधान सभा चुनाव (Assembly Election) भी होने हैं. ऐसे में इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने पीएम मोदी और चुनाव आयोग से यूपी चुनाव टालने और रैलियों पर रोक लगाने की अपील की है.
इलाहाबाद हाई कोर्ट क्या कहा?
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अनुरोध किया है कि चुनावी रैलियों, सभाओं जिसमें भीड़ इकट्ठा हो, उस पर तत्काल रोक लगाएं. अगर मुमकिन हो तो फरवरी में होने वाले चुनाव को भी एक-दो महीने के लिए टाल दिया जाए. हाई कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि जान है तो जहान है. हालांकि Omicron को लेकर सरकार गंभीर है. पीएम मोदी ने भी कोरोना को लेकर समीक्षा बैठक की और कोरोना पर काबू पाने को लेकर मंथन किया.
दुनियाभर में Omicron का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. भारत में भी इस वैरिएंट के तीन सौ से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. देश में तीसरी लहर का अंदेशा ऐसे समय में जताया जा रहा है जब देश के सबसे बड़े राज्य यूपी समेत 5 राज्यों में विधान सभा चुनाव होने वाले हैं.
उत्तर प्रदेश विधान सभा का चुनाव निकट है जिसके लिए सभी पार्टियां रैली, सभाएं आदि करके लाखों की भीड़ जुटा रही हैं. जहां पर किसी भी प्रकार से कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना संभव नहीं है और इसे समय रहते नहीं रोका गया तो परिणाम दूसरी लहर से कहीं ज्यादा भयावह होगा.