दिल्ली

केजरीवाल के राज में राष्ट्रपति ,पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह नहीं सुरक्षित तो और कौन होगा सुरक्षित

Shiv Kumar Mishra
5 Nov 2022 5:56 AM GMT
केजरीवाल के राज में राष्ट्रपति ,पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह नहीं सुरक्षित तो और कौन होगा सुरक्षित
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दिल्ली देश की राजधानी है। जिस पर आम आदमी पार्टी की सरकार है जिसके बिना विभाग के विश्व के सबसे विरले स्वयंभू कट्टर ईमानदार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल है। उसी दिल्ली का पर्यावरण बिल्कुल दूषित हो चुका है। एक बार सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है। इतनी जहरीली बन चुकी है दिल्ली की फिजाँ?

इस दिल्ली दें देश की प्रथम नागरिक महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू जी रहती है। इसी दिल्ली में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी निवास करते है, इसी दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत पूरा कैबिनेट, केंद्र का सरकारी अधिकारियों का अमला, विपक्ष के नेता , कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे , सोनिया गांधी , राहुल गांधी , बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड़ड़ा रहते है।

इस दिल्ली की जहरीली हवा को किसी को चिंता नहीं है। इससे पहले जब पंजाब में अकाली और कांग्रेस की सरकार थी तो केजरीवाल इनके सिर पर ठीकरा फोड़ के निकल लेते थे। लेकिन जब आज उनकी खुद की सरकार पंजाब में है तो क्या कहें।


दोनों सत्तारूढ़ दल दिल्ली की हवा खराब करके अब हिमाचल और गुजरात में अपने अपने दल की हवा चलाने में मस्त है। जबकि आप समझ रहे है अगर आप दिल्ली के निवासी है तो इन दलों को दिल्ली वासियों की कोई फिक्र नहीं है सिर्फ सत्ता की भूँख में मारे मारे घूम रहे है। नए राज्य के शिकार के लिए इनके पास समय है। इनके पास दिल्ली जो देश की राजधानी है उसे भी सुरक्षित रखने का कोई उपाय नहीं है।

हाँ इतना जरूर है कि स्कूल बंद कर दिए गए तो क्या दिल्ली की हवा ठीक हो गई। अब डीजल के वाहन रोके जा रहे है। क्या खाना पीने सब्जी का क्या हाल होगा आपको पता है भले ही आप इसके लिए वाहनों को खुला रखें।

चाहे केजरीवाल हो या मोदी सबकी जिम्मेदारी है दिल्ली को प्रदूषण मुक्त रखें क्योंकी दिल्ली पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं है इसके लिए केंद्र सरकार भी बराबर की दोषी है। अभी दो राज्यों में चुनाव है इसके बाद दिल्ली एमसीडी उसके बाद यूपी में नगर निगम , नगरपालिका और नगर पंचायत चुनाव फिर कर्नाटक और फिर राजस्थान , छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश मिजोरम समेत कई राज्यों में चुनाव उसके बाद फिर लोकसभा चुनाव यही सब चलता रहेगा। लेकिन जनता के मुद्दे और फिजाँ में अच्छी हवा कब बहेगी।

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