दिल्ली

नई संसद के उद्घाटन के अवसर पर 75 रुपये का विशेष सिक्का किया गया लॉन्च

Smriti Nigam
28 May 2023 2:55 PM GMT
नई संसद के उद्घाटन के अवसर पर 75 रुपये का विशेष सिक्का किया गया लॉन्च
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नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर रविवार को 75 रुपये का एक विशेष सिक्का लॉन्च किया गया।

नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर रविवार को 75 रुपये का एक विशेष सिक्का लॉन्च किया गया। गौरतलब है कि देश अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ भी मना रहा है।इस अवसर पर एक विशेष डाक टिकट भी जारी किया गया।

इससे पहले आज, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन को राष्ट्र को समर्पित किया और लोकसभा कक्ष में ऐतिहासिक 'सेनगोल' स्थापित किया, जिसने 1947 में अंग्रेजों से भारतीयों को सत्ता हस्तांतरण को चिह्नित किया।

सिक्के के अग्रभाग पर बीच में 'अशोक स्तंभ' का सिंह शीर्ष है, जिसके नीचे 'सत्यमेव जयते' लिखा हुआ है। अशोक स्तंभ के बाईं ओर देवनागरी लिपि में 'भारत' शब्द और दाईं ओर अग्रेजी में 'इंडिया' शब्द है।

सिक्के के पिछले हिस्से पर संसद परिसर की छवि है। ऊपरी परिधि पर शिलालेख 'संसी संकुल' देवनागरी लिपि में और निचली परिधि पर शिलालेख 'पार्लियामेंट कॉम्प्लेक्स' अंग्रेजी में लिखा है। साथ ही संसद परिसर की तस्वीर के नीचे अंतरराष्ट्रीय अंक में वर्ष '2023' लिखा हुआ है।

सिक्के का आकार 44 मिमी व्यास के साथ गोलाकार है और इसका वजन लगभग 35 ग्राम है। 200 सेररेशन वाला सिक्का 50 फीसदी चांदी, 40 फीसदी तांबा, 5 फीसदी निकेल और 5 फीसदी जिंक से बना है।

आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा जारी राजपत्र अधिसूचना में उल्लेख किया गया है कि सिक्के का वजन लगभग 34.65-35.35 ग्राम है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नई संसद के उद्घाटन के अवसर पर एक स्मारक डाक टिकट और 75 रुपये का विशेष सिक्का जारी किया ।आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा जारी राजपत्र अधिसूचना में उल्लेख किया गया है कि सिक्के का वजन लगभग 34.65-35.35 ग्राम होगा।

इसके मध्य में अशोक स्तंभ के सिंह शीर्ष की छवि होगी, जिसके दोनों ओर देवनागरी लिपि में भारत और अंग्रेजी में इंडिया शब्द होगा। इसमें रुपये का प्रतीक " ₹ " और लायन कैपिटल के नीचे अंकित अंतर्राष्ट्रीय अंकों में मूल्य "75" भी होगा।

उन्होंने आगे कहा,नई संसद की जरूरत थी। हमें यह भी देखना होगा कि आने वाले समय में सीटों और सांसदों की संख्या में इजाफा हो। इसलिए यह समय की मांग थी कि एक नई संसद बनाई जाए।

पहले के संसद भवन का उद्घाटन 18 जनवरी, 1927 को तत्कालीन गवर्नर-जनरल लॉर्ड इरविन ने किया था। नए संसद भवन में लोकसभा में 888 और राज्यसभा में 300 सदस्यों के बैठने की क्षमता है।संसद के पिछले भवन में लोकसभा में 543 और राज्य सभा में 250 सदस्यों के बैठने का प्रावधान था।

भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए संसद के नवनिर्मित भवन में लोकसभा में 888 और राज्य सभा में 384 सदस्यों की बैठक कराने की व्यवस्था की गई है. दोनों सदनों का संयुक्त सत्र अब लोकसभा चैंबर में हो सकता है.

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