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उत्तर प्रदेश के उच्च प्राथमिक विधालय में कार्यरत अनुदेशक 17000 हजार मानदेय को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका लेकर गया है। इस याचिका में अनुदेशक ने 17000 हजार का मानदेय दिए जाने की बात कही है। इसको लेकर अनुदेशकों में चिंता थी कि आखिर उनके केस की सुनवाई कब होगी। आज इसकी स्तिथि साफ हो गई है अब उनके केस की सुवनाई 26 सितंबर को ही होगी।
कोर्ट में अनुदेशक के केस की सुनवाई लगातार टल रही थी जिसके चलते अनुदेशक में निराशा का भाव आ रहा था। आज उसी के चलते अनुदेशक के केस के अधिवक्ता बीते 22 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका की सुनवाई के लिए अपनी एप्लीकेशन मेशन की। जिसकी सुनवाई में बैठी बेंच ने अनुदेशकों की समस्या को देखते हुए 26 सितंबर की सुवनाई के आदेश जारी किए है।
अभी एक दिन पहले अचानक कोर्ट की बेवसाइट पर कंप्यूटर जनरेटिड देट 27 सितंबर दिखने लागि जिससे एक बार अनुदेशक सोच में पड़ गया लेकिन देर रात यह तारीख एक बार पुनः 26 सितंबर कोर्ट की बेवसाइट पर भी दिख रही है।
बता दें कि अनुदेशक इलाहाबाद हाईकोर्ट की सिंगल बेंच में भी 17000 हजार का केस जीत चुका है। इसके बाद सरकार डबल बैंच में चली गई वहाँ भी अनुदेशक 2 दिसंबर को 17000 हजार का एक वर्ष का भुगतान किए जाने के आदेश जारी किए जिसके खिलाफ सरकार देर सवेर फिर सुप्रीम कोर्ट चली गई जहां उनकी अपील खारिज करते हुए अनुदेशकों की याचिका में जोड़ दी गई। अब इसकी सुनवाई 14 अगस्त को हो चुकी है जिसमें कोर्ट ने सवाल किया था कि आप 17000 हजार देकर कोर्ट आइए।
इस केस से अनुदेशकों की भावना जुड़ी है। अनुदेशक को अब सरकार से बिल्कुल ही उम्मीद नहीं दिख रही है।