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विनय सक्सेना ने ली दिल्ली के उपराज्यपाल पद की शपथ, बोले- ' 'राजभवन में नहीं, द‍िल्‍ली की सड़कों पर ज्‍यादा दिखूंगा'

Arun Mishra
26 May 2022 2:10 PM IST
विनय सक्सेना ने ली दिल्ली के उपराज्यपाल पद की शपथ, बोले-  राजभवन में नहीं, द‍िल्‍ली की सड़कों पर ज्‍यादा दिखूंगा
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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, "आज नए उपराज्यपाल ने शपथ ली है, उन्हें शुभकामनाएं.

नई दिल्ली : विनय कुमार सक्सेना (Vinay Kumar Saxena) ने गुरुवार को दिल्ली के उपराज्यपाल (Lieutenant Governor of Delhi) के रूप में शपथ ली. विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली के 22वें लेफ्टिनेंट गवर्नर के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ले ली. राजन‍िवास में आयोज‍ित समारोह में उनको द‍िल्‍ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) के कार्यकारी मुख्‍य न्‍यायाधीश जस्‍ट‍िस व‍िप‍िन सांघी ने नए उप-राज्‍यपाल के रूप में शपथ द‍िलाई.

पद एवं गोपनीयता की शपथ ग्रहण करने के बाद नवन‍ियुक्‍त एलजी व‍िनय कुमार सक्‍सेना कि दिल्ली की जनता को बताना चाहता हूं कि मैं उपराज्यपाल के रूप में नहीं, बल्कि स्थानीय अभिभावक के रूप में काम करूंगा. उन्होंने कहा कि मैं राजनिवास में कम और दिल्ली की सड़कों पर ज्यादा नज़र आऊंगा. सक्सेना ने 27 अक्टूबर 2015 को खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण किया था.

उपराज्यपाल ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण सबसे बड़ी समस्या है, उस पर काम करेंगे. साथ ही असंगठित क्षेत्र जो गरीब तबके से आते हैं उनके लिए भी काम करूंगा. उन्होंने कहा कि मेरा सपना दिल्ली को 'सिटी ऑफ जॉय' और 'सिटी ऑफ फ्लावर्स' बनाने का है. दिल्ली में कुछ समय से दंगे फसाद हुए हैं, हम हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे पर दिल्ली सरकार के साथ मिलकर काम करेंगे.

केजरीवाल ने क्या कहा?

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, "आज नए उपराज्यपाल ने शपथ ली है, उन्हें शुभकामनाएं. जैसे अनिल बैजल जी के साथ मिलकर काम किया था, वैसे ही इनके साथ भी मिलकर दिल्ली के लिए काम करेंगे."

जानिये कौन हैं विनय सक्सेना

23 मार्च, 1958 को कानपुर की कायस्थ परिवार में जन्म लेने वाले ​सक्सेना ने 1981 में कानपुर यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया था. ​सक्सेना लाइसेंस्ड पायलट हैं और कॉर्पोरेट जगत में एक जाना पहचाना नाम हैं. उन्होंने 1984 में राजस्थान में जेके ग्रुप के साथ बतौर सहायक अधिकारी अपने कॅरियर की शुरुआत की थी. कुशल नेतृत्व क्षमता और बुद्धिमत्ता से 11 साल इस क्षेत्र में बेहतर काम करने के बाद वर्ष 1995 में उन्हें महाप्रबंधक बनाकर गुजरात में एक प्रस्तावित बंदरगाह परियोजना की देखरेख का जिम्मा सौंपा गया.

सामाजिक कार्यों के लिए स्थापित की संस्था

महाप्रबंधक के तौर पर यहां से विनय सक्सेना ने अपना नया मुकाम बनाया. अपनी काबिलि​यत के दम पर वे सीईओ बने और उसके बाद धोलेरा पोर्ट प्रोजेक्ट के डायरेक्टर बने. कॉर्पोरेट जगत में नाम कमाने के साथ ही विनय सक्सेना सोशल वर्क से भी जुड़े हुए हैं. 1991 में उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस फॉर सिविल लिबर्टीज (NCCL) की शुरुआत की थी. इसका मुख्यालय अहमदाबाद में है. इसके जरिए वे कइ सामाजिक कार्य करते हैं.

40 लाख लोगों को दिया रोजगार

कॉर्पोरेट जगत में वे लगातार अपनी मेहनत से नए आयाम स्थापित कर रहे थे. इसके तहत अक्टूबर 2015 में उन्हें केवीआईसी का चेयरमैन बनाया गया. यहां से उन्होंने खादी और गांव से जुड़े सेक्टर में कई नवाचार किए. उन्होंने कई तरह की रोजगार संबंधी योजनाएं शुरू कीं. इनमें 'हनी मिशन', 'कुम्हार सश​क्तीकरण योजना' और 'लेदर आर्टिसंस' जैसी योजनाएं शामिल हैं. इतना ही नहीं उनकी कार्यशैली के कारण केवीआईसी का टर्नओवर 248 परसेंट तक पहुंच गया था. साथ ही सिर्फ सात साल के अंदर उन्होंने 40 लाख लोगों को रोजगार दिया. सक्सेना के कार्यकाल में ही 2021-22 में केवीआईसी का टर्नओवर 1.15 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया जो कि ऐतिहासिक है. उन्होंने अपने प्रयासों से खादी को एक ब्रांड के तौर पर पहचान दिलाने में काफी मदद की.

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