दिल्ली

WHO ने जताई भारत से यह उम्मीद, जानना है जरूरी!

Shiv Kumar Mishra
24 March 2020 4:18 AM GMT
WHO ने जताई भारत से यह उम्मीद, जानना है जरूरी!
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विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि कोविड19 के खिलाफ लड़ाई का भविष्य काफी हद तक इस बात से तय होगा कि भारत जैसे घनी आबादी वाले और बड़े मुल्क क्या कदम उठाते हैं. हालांकि दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य संस्था ने चेचक और पोलियो जैसी घातक बीमारियों के खात्मे में भारत के प्रयासों की तारीफ करते हुए इसे मानवता को सबसे बड़ा तोहफा करार दिया. साथ ही डब्ल्यूएचओ ने कहा कि भारत को इस लड़ाई का नेतृत्व करते हुए दिखाना चाहिए कि क्या होना चाहिए और उसे किस तरह किया जा सकता है.

जिनेवा में कोरोना वायरस संकट पर हुई ग्लोबल प्रेस कांफ्रेंस में एबीपी न्यूज के सवाल पर विश्व स्वास्थ्य संगठन में पब्लिक हेल्थ एमरजेंसी कार्यक्रम के चीफ एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर माइक रियान ने कहा कि चीन की ही तरह भारत भी एक बड़ी आबादी वाला देश है. लिहाजा इस महामारी का भविष्य बहुत हद तक इस बात से तय होगा कि बहुत बड़े अत्यधिक आबादी वाले और घनी आबादी वाले देशों में क्या होता है. ऐसे में यह काफी महत्वपूर्ण है कि भारत सार्वजनिक स्वास्थ्य के स्तर पर और समाज के स्तर पर इस बीमारी की रोकथाम करने, उसे दबाने और जीवन बचाने के लिए किस तरह आक्रामक कार्रवाई जारी रखता है.

'वैश्विक बीमारियों को खत्म करने में भारत का अहम योगदान'

रियान ने इस कड़ी में पोलियो और चेचक जैसी वैश्विक बीमारियों को खत्म करने में भारतीय योगदान की सराहना करते हुए इसे मानवता के लिए भारत का तोहफा करार दिया. उन्होंने कहा कि भारत ने दो मूक हत्यारों के उन्मूलन में दुनिया का नेतृत्व किया है. यह मानव जाति की सबसे बड़ी सफलताओं में से एक है. रियान के मुताबिक, चेचक के वायरस ने इस धरती पर इतने लोगों जान ली है जो अब तक सारे युद्धों में मारे गए लोगों की संख्या से भी ज्यादा है. लक्षित सार्वजनिक स्वास्थ्य की कोशिशों के माध्यम से भारत ने उस बीमारी को समाप्त कर दिया और दुनिया को एक बेहतरीन तोहफा दिया. इतना ही नहीं भारत ने पोलियो जैसे एक और मूक हत्यारे को भी समाप्त कर दिया. सतत निगरानी, मामलों को खोजने और टीकाकरण करने और सारे जरूरी कदम उठाकर जबरदस्त काम किया है.

कोरोना वायरस संकट के निपटने की काबिलियत का हवला देते हुए रियान ने कहा कि हमारा मानना है भारत में जबरदस्त क्षमता है. जब समुदाय जुटते हैं, सिविल सोसाइटी साथ आती हैं और सरकारें ड्राइव करती हैं तो लक्ष्य पूरा होता है. डब्लयूएचओ के वरिष्ठ अधिकारी रियान ने कहा कि भारत जैसे देश को इस रास्ते का नेतृत्व करना चाहिए. दुनिया को दिखाना चाहिए कि क्या किया जा सकता है. भारत ने पहले दिखाया है कि जब आक्रामक सामुदायिक स्वास्थ्य कार्रवाई, समाज से लेकर सत्ता प्रमुख के स्तर पर प्रयास होता है तो इस महामारी को खत्म करने की कोशिशों पर गहरा असर पड़ता है.

इस लड़ाई से निपटने में डबल्यूएचो से भारत की मदद के बारे में पूछे जाने पर विश्व स्वास्थ्य संगठन में संक्रामक रोग मामलों पर तकनीकी प्रमुख मारिया वान केरखोवा ने कहा कि हर देश अपने सामर्थ्य के अनुसार कदम उठा रहा है. डब्ल्यू एचओ ने विस्तृत गाइडलाइन जारी की हैं और टेस्टिंग किट से लेकर पर्सनल प्रोटेक्शन गियर के उत्पादकों के साथ भी तालमेल कर रहा है. ताकि इनकी आपूर्ति में कोई बाधा न आए. हर देश के साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन के क्षेत्रीय कार्यालय इस काम में जुटे हैं.

कोरोना से लड़ाई में आक्रामक कार्रवाई जरूरी

इससे पहले डब्ल्यूएचओ के निदेशक डॉ टेडरॉस एधेनोम घेब्रेयसिस ने कहा कि कोरोना के साथ लड़ाई में केवल रक्षात्मक ही नहीं आक्रामक कार्रवाई भी करनी होगी. लोगों को घरों में रहने के लिए कहकर और सोशल-डिस्टेंसिंग जैसे उपायों से हम केवल समय मोल ले रहे हैं. यह रक्षात्मक उपाय हैं, लेकिन हर मामले की पहचान करने, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग यानी संपर्कों का पता लगाने और टेस्ट करने जैसे आक्रामक कदम उठाने होंगे, तभी हम इस वायरस को हरा पाएंगे.

तेजी से फैल रहा है खतरनाक कोरोना वायरस

डब्ल्यूएचओ के मुताबिक कोविड19 महामारी तेजी से फैल रही है. इसने पहले एक लाख मरीजों का आंकड़ा छूने में जहां 67 दिन का वक्त लिया वहीं दो लाख की संख्या तक केवल 11 दिन में पहुंच गई. यह गिनती महज चार दिन के भीतर तीन लाख से पार हो गई है. दुनिया के लगभग सभी देश इससे प्रभावित हैं.

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