दिल्ली

विदेश में नहीं बल्कि भारत में है दुनिया का सबसे बड़ा स्कूल, गिनीज बुक में भी है नाम, पढ़ते हैं 58000 बच्चे

Anshika
7 April 2023 7:42 AM GMT
विदेश में नहीं बल्कि भारत में है दुनिया का सबसे बड़ा स्कूल, गिनीज बुक में भी है नाम, पढ़ते हैं 58000 बच्चे
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आपको बता दें कि दुनिया का सबसे बड़ा स्कूल अमेरिका में नहीं नहीं ऑस्ट्रेलिया में है बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा स्कूल भारत में है जी हां दुनिया का सबसे बड़ा स्कूल यूपी के लखनऊ शहर में है इस स्कूल का नाम है सिटी मोंटेसरी स्कूल

worlds largest school: आपको बता दें कि दुनिया का सबसे बड़ा स्कूल अमेरिका में नहीं नहीं ऑस्ट्रेलिया में है बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा स्कूल भारत में है जी हां दुनिया का सबसे बड़ा स्कूल यूपी के लखनऊ शहर में है इस स्कूल का नाम है सिटी मोंटेसरी स्कूल यह विश्व का सबसे बड़ा स्कूल है जगदीश गांधी द्वारा 1959 में सिर्फ पांच विद्यार्थियों के साथ स्थापित किए गए इस स्कूल में अब 58,000 छात्र हैं. शहर भर में फैले 20 परिसरों के साथ, स्कूल में 1000 से अधिक कक्षाएँ और 3700 कंप्यूटर हैं. स्कूल में 4500 कर्मचारियों की एक पूरी सेना है जिनमें शिक्षक, सहायक कर्मचारी, सफाईकर्मी, रिक्शा चालक और यहां तक ​​कि इलेक्ट्रीशियन, बढ़ई और माली भी शामिल हैं.

सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (CMS) दुनिया का सबसे बड़ा स्कूल है. ये स्कूल भारत के सबसे बड़े राज्य यूपी के लखनऊ शहर में है. सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) डॉ जगदीश गांधी और डॉ भारती गांधी ने 300 रुपये लेकर, 5 बच्चों के साथ 1959 में स्थापित किया. आज की तारीख में इस स्कूल के 20 कैंपसों में में 58,000 से अधिक छात्र और 4,500 इंप्लॉई हैं. यह स्कूल चार हिस्सों में चलता है प्री प्राइमरी प्राइमरी जूनियर और सीनियर्स

पांच से 17 साल के 7,500 से अधिक छात्रों को एक ही स्कूल की इमारत में पढ़ाना आसान नहीं है, लेकिन यह सिटी मॉन्टेसरी (या सीएमएस) ने कर दिखाया है. स्कूल का नाम 'दुनिया के सबसे बड़ा स्कूल' के तौर पर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में है. यार स्कूल खास इसलिए भी है क्योंकि यहां पर बच्चों को ऑलराउंडर बनाने पर ज्यादा जोर दिया जाता है वही प्री प्राइमरी के बच्चे यहां सुरक्षित और खुशहाल माहौल में ज्यादा सीखने की इच्छा रखते हैं छात्रों को सामाजिक कौशल नैतिक मूल्यों के प्रति भी जागरूक किया जाता है प्राथमिक (Primary) सीएमएस का उद्देश्य प्राथमिक आयु वर्ग के बच्चों को सशक्त बनाने और मुख्य विषयों में उनके आत्मविश्वास और योग्यता को विकसित करने के लिए माहौल प्रदान करना है. स्कूल के जूनियर हिस्से में 11-13 साल के छात्र जूनियर बहुत अधिक शैक्षणिक प्रोत्साहन और बौद्धिक रूप से चुनौतीपूर्ण सामग्री की आवश्यकता है. सीनियर्स सीएमएस में करके सीखने पर जोर दिया जाता है, खासकर विज्ञान और कंप्यूटिंग में. छात्रों को रणनीतियाँ और बोर्ड परीक्षाओं में सफलता की स्ट्रेटेजी प्रदान की जाती हैं.

2013 में गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्वारा दुनिया के सबसे बड़े स्कूल के रूप में मान्यता प्राप्त, सिटी मॉन्टेसरी स्कूल को कई प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त हुए. सितंबर 2015 में एजुकेशनल वर्ल्ड पत्रिका द्वारा भारत में प्रथम स्थान दिया गया.

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