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एक्ट्रेस उर्फी जावेद नहीं मानती इस्लाम को? बोलीं- मुस्लिम लड़के से कभी नहीं करूंगी शादी, अब पढ़ रही गीता'

Arun Mishra
23 Dec 2021 6:18 AM GMT
एक्ट्रेस उर्फी जावेद नहीं मानती इस्लाम को? बोलीं- मुस्लिम लड़के से कभी नहीं करूंगी शादी, अब पढ़ रही गीता
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धर्म के सवाल पर उर्फी ने कहा कि किसी को भी धर्म मानने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।

एक्ट्रेस उर्फी जावेद भले ही बिग बॉस ओटीटी में कमाल नहीं दिखा पाई हों, लेकिन वो रोजाना चर्चा में रहती हैं। उनके चर्चा में रहने की सबसे बड़ी वजह उनका फैशन सेंस है, हालांकि इसके लिए उन्हें काफी ट्रोल भी किया जाता है। अब एक इंटरव्यू में उनकी लव लाइफ और शादी को लेकर सवाल पूछा गया। जिस पर उन्होंने चौंकाने वाला जवाब दिया है। उर्फी के मुताबिक वो कभी भी मुस्लिम व्यक्ति से शादी नहीं करेंगी और वो इन दिनों भगवद गीता पढ़ रही हैं।

इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में उर्फी ने कहा कि जब भी मैं बोल्ड लुक में दिखती हूं, तो समाज मुझे अस्वीकार कर देता है। इसके अलावा मेरा इंडस्ट्री में कोई गॉडफादर भी नहीं है, लेकिन इससे भी जरूरी बात है कि मैं मुस्लिम हूं। अपना दर्द बयां करते हुए उर्फी ने आगे कहा कि जब भी लोग सोशल मीडिया पर मुझ पर अभद्र टिप्पणियां करते हैं, तो उसमें ज्यादातर मुस्लिम होते हैं। उन लोगों को लगता है कि मैं इस्लाम की छवि खराब कर रही हूं।


क्यों नहीं मानती इस्लाम को?

एक्ट्रेस ने कहा कि वे मुझसे नफरत करते हैं क्योंकि मुस्लिम पुरुष चाहते हैं कि उनकी महिलाएं एक निश्चित तरीके से व्यवहार करें। वे समुदाय की सभी महिलाओं को नियंत्रित करना चाहते हैं। मैं इस वजह से इस्लाम को नहीं मानती। मेरी ट्रोलिंग की सबसे बड़ी वजह ये है कि मैं उस तरह का व्यवहार नहीं करती, जिस तरह का वो लोग धर्म के हिसाब से उम्मीद करते हैं।


क्यों नहीं करेंगी मुस्लिम से शादी?

वहीं जब उर्फी से पूछा गया कि क्या वो अपने समुदाय के किसी व्यक्ति से शादी करेंगी, तो उन्होंने इससे साफ इनकार कर दिया। उर्फी ने कहा कि मैं कभी मुस्लिम लड़के से शादी नहीं करूंगी। मैं इस्लाम में विश्वास नहीं करती और मैं किसी भी धर्म का पालन नहीं करती, इसलिए मुझे परवाह नहीं है कि मैं किससे प्यार करती हूं। हम जिससे चाहें शादी कर लें।


मां ने नहीं थोपा धर्म

धर्म के सवाल पर उर्फी ने कहा कि किसी को भी धर्म मानने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। सभी को इसे अपने हिसाब से चुनने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि मेरे पिता एक बहुत ही रूढ़िवादी व्यक्ति थे। जब मैं 17 साल की थी, तब उन्होंने मुझे और मेरे भाई-बहनों को मां के पास छोड़ दिया। मेरी मां बहुत धार्मिक महिला हैं, लेकिन उन्होंने कभी भी हम पर अपना धर्म नहीं थोपा। मेरे भाई-बहन इस्लाम का पालन करते हैं और मैं नहीं करता, लेकिन वे इसे मुझ पर कभी थोपते नहीं हैं। ऐसा ही होना चाहिए।


गीता के तार्किक भाग में दिलचस्पी

उर्फी के मुताबिक वो मौजूदा वक्त में भगवद गीता पढ़ रही हैं। इसके पीछे की वजह हिंदू धर्म का जानना है। उन्होंने कहा कि मुझे इसके तार्किक भाग में ज्यादा दिलचस्पी है। मुझे अतिवाद से नफरत है, इसलिए मैं पवित्र पुस्तक के अच्छे हिस्से को पढ़ना चाहती हूं।


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