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अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांधने के लिए,15 सौ बहने पहुंची जेल, भाई बहन के प्यार को देखकर भाबुक हुआ जेल प्रशासन

Desk Editor
12 Aug 2022 8:48 AM GMT
अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांधने के लिए,15 सौ बहने पहुंची जेल, भाई बहन के प्यार को देखकर भाबुक हुआ जेल प्रशासन
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जींद राखी के मौके पर जिला कारागार में पूरा दिन भावुकता भरा नजारा रहा। बेशक जेल में बंद लोग किसी न किसी अपराध में संलिप्त हैं, लेकिन भाई-बहन के प्यार के प्रतीक राखी के मौके पर इन लोगों की आंखों में केवल प्यार ही प्यार झलक रहा था। अपने भाई की कलाई पर राखी बांधते हुए बहनों की आंखों से आंसू निकल रहे थे तो भाई की आंखों भी नम हो रही थी। इस भावुकता के मौके पर जेल प्रशासन भी काफी नरमी बरत रहा था। हालांकि जेल प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे।

जेल प्रशासन ने बहनों के बैठने के लिए टेंट, पीने का पानी तथा पंखों की व्यवस्था जेल परिसर में ही की थी। भाइयों की कलाई पर राखी बांधने तथा उनके मिठाई खिलाने का पूरा प्रबंध भी जेल प्रशासन द्वारा ही किया गया था। जिला कारागार में इस समय 1150 बंदी व कैदी हैं। इनको राखी बांधने के लिए लगभग 1500 बहनें पहुंची थी। जेल परिसर के मुख्य गेट के पास बहनों को ठहरने के लिए जेल प्रशासन ने टेंट लगाया हुआ था। यहां सुबह से ही महिलाओं की काफी भीड़ जमा हो गई थी। सुरक्षा की दृष्टि से जेल प्रशासन एक बार 8-10 महिलाओं को अंदर बुलवाकर उनके भाइयों को राखी बंधवा रहा था। काफी भीड़ के कारण यह कार्यक्रम सुबह आठ बजे से शाम छह बजे तक चलता रहा। इस कारण काफी महिलाओं को लंबा इंतजार भी करना पड़ा। जेल परिसर में एक साथ इन महिलाओं की एंट्री नहीं की जा रही थी। जेल के अंदर दो दरवाजों के बीच जहां पर जेल अधीक्षक का कार्यालय है, उसके पास कई लंबी मेज लगाई गई थी।

इन पर ट्रे में राखियां व मिठाइयां रखी गई थीं। आठ-दस बहनों को एक साथ बुलाकर तथा जेल के अंदर से उनके भाइयों को बुलाकर रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जा रहा था। जब बहनों अपने भाइयों के हाथों को छूती तो बरबस ही उनकी आंखों से आंसू निकल रहे थे। भाई भी अपनी बहनों की आंखों में आंसू देखकर भावुक हो रहे थे। कुछ बहनें तो काफी लंबे समय के बाद अपने भाइयों से मिल रही थीं। बाहर से कोई भी सामान अंदर लेकर जाने की इजाजत नहीं थी। इस कार्य में जेल उपअधीक्षक बिजेंद्र सिंह, संदीप दांगी, धर्मचंद, नरेश कुमार, राजेश कुमार ने भी पूरा दिन सहयोग किया।

अपराधी के बजाय भाई नजर आए जब बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांध रही थी तो बड़े भाई अपनी छोटी बहनों के सिर पर हाथ रख रहे थे और बड़ी बहनें अपने छोटे भाइयों के सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दे रही थी। इस दौरान जेल प्रशासन को किसी भी बंदी या कैदी में अपराधी नजर नहीं आ रहा था। सुरक्षा की दृष्टि से खड़े जेल वार्डन भी इस मौके पर भावुक नजर आ रहे थे।

ऐसा लग रहा था मानो इस समय भाई-बहन के प्यार से बड़ा कुछ भी नहीं है। महानिदेशक कारागार के निर्देश पर जेल में कैदियों व बंदियों के लिए रक्षाबंधन का त्योहार मनाया गया। बहनों ने दिनभर जेल में बंद अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधी। इसके अलावा कुछ बहनें भी जो जेल में बंद हैं, उनके भी भाई आए और अपनी बहनों से राखी बंधवाई। जेल प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए थे। जेल में बंद 1150 लोगों को राखी बांधने के लिए लगभग 1500 बहनें आई थीं। मिठाई व राखी की व्यवस्था भी जेल प्रशासन द्वारा की गई थी।

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