स्वास्थ्य

कोरोना का भारतीयों से सवाल: स्वागत में थाली, घंटा, घंटी, शंख, घड़ियाल बजाये, पुष्प वर्षा की, रोशनी की क्यों जाऊं?

Shiv Kumar Mishra
15 Aug 2020 9:05 AM IST
कोरोना का भारतीयों से सवाल: स्वागत में थाली, घंटा, घंटी, शंख, घड़ियाल बजाये, पुष्प वर्षा की, रोशनी की क्यों जाऊं?
x
हमने माईंड के साउंड सिस्टम पर हाथ रखते हुये बोला कि चुप हो जा पगले अब रुलायेगा क्या?

सुनील कुमार मिश्र

मित्रोँ हमने कोरोना को बड़े लोगों के लिये एक जन आंदोलन बना दिया। आज हर बड़ा आदमी कोरोना का ट्वीट करने को तरस रहा है। हरे बड़े आदमी का कोरोना इन्ट्री गेट ट्विटर है। बड़े आदमी का कोरोना का ट्वीट आते ही बड़े बड़े अस्पताल हाथ जोड़कर खड़े हो जाते है कि मालिक हमारे अस्पताल में मय कोरोना आगमन करे। आपको 5 स्टार होटल की सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेगी। हमारे अस्पताल में सेनिटाइज़ स्विमिंग पुल है। मस्त स्नान करिये।

मित्रोँ🔊 विश्व के पटल पर कोरोना बीमारी का रुप लेकर आया हमने इस आपदा मे अवसर तलाश कर अपने मित्रों को सौप दिया। परिणाम सामने है👉आज हमारे मित्र विश्व मे अमीरी मे अपना स्थान बनाने में सफल हुए है और इस सफलता में आपका बड़ा योगदान है। अगर आप पैन्ट सर्ट से लंगोट तक की यात्रा को राजी ना होते तो यह उपलब्धि संभव नही थी। कोरोना का उद्गम स्थल भले चीन हो लेकिन भविष्य तय करेगा कि कोरोना का सम्मान सबसे ज्यादा इस धरा पर कहां हुआ।

हमने दूसरे मुल्कों की तरह कोरोना जी को दुत्कारा नही, बल्कि उनकी शानदार अगवानी की👉थाली, घंटा, घंटी, शंख, घड़ियाल बजवाये। पुष्प वर्षा करवाई, रोशनी करवाई। नतीजा सामने है जितनी कृपा कोरोना जी की हमारे देश पर है उतनी किसी देश पर नही। प्रसन्नता का आलम यह है कि उन्होने विदेश मंत्रालय में हमारे देश की नागरिकता प्राप्त कर जीवन पर्यन्त यही बसने की मंशा जाहिर की है। विश्व में कोरोना जी की कृपा से हमारी साख को चार चांद पर लगे है।

माईंड के इन वचनों को सुन कर हमारी आँखों में आँसू आ गये। हमने माईंड के साउंड सिस्टम पर हाथ रखते हुये बोला कि चुप हो जा पगले अब रुलायेगा क्या? अपने दिमाग के भावनाओं की कद्र करते हुये👉माईंड को एक संतरा कलर के कपड़े पर लपेट के भड़िया के अन्दर घर के तांड़ पर रख दिया है 👉तो भईया जी कही सुनी माफ ये दिमाग हटा के लिखा है। दिमाग लगा के ना पढना प्लीज....#न्युइन्डिया

Next Story