स्वास्थ्य

रेमिडिसिवर इंजेक्शन ने बहुत पैनिक क्रिएट कर रखा है

Shiv Kumar Mishra
19 April 2021 7:48 AM GMT
रेमिडिसिवर इंजेक्शन ने बहुत पैनिक क्रिएट कर रखा है
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रेमिडिसिवर की माँग से ट्विटर भरा हुआ है। जगह-जगह से इन्जेक्शन की कालाबाजारी की खबरें आ रही हैं। कई जगहों से खबर है कि कुछ लोग इनकी कमी को देखते हुए अपने पास स्टोर कर ले रहे हैं। मेरे पास एक सुझाव है :-

रेमिडिसिवर को ओपन मार्केट से हटा दीजिये। सरकार अपने ड्रग कंट्रोलर के माध्यम से तुरन्त एक आदेश पारित करे कि जितने भी रेमिडिसिवर मेडिकल स्टोर/खुले बाजार में उपलब्ध हैं वो अपने नजदीकी कोविड कंट्रोल सेंटर पर जमा करें या सरकार को खबर कर दे तो सरकार उन इंजेक्शन को मेडिकल स्टोर से उठवा ले। ये प्रक्रिया ठीक उसी तरह होनी चाहिए जैसे चुनावों के पहले लोगों के असलहे जमा करवाने की होती है। 5 से 6 कंपनियां है जो रेमिडिसिवर बना रही हैं उनके बड़े अधिकारियों के पास उसके डिस्ट्रीब्यूटर और इन्जेक्शन की कितनी मात्रा गयी है उसकी लिस्ट होती है। इसलिए ये मुश्किल प्रक्रिया भी नहीं है। इन्जेक्शन जमा करवाने की अविधि सिर्फ 24 घंटे की होनी चाहिए।

फिर सरकार ने भी जो अलग से 25 हजार रेमिडिसिवर इंजेक्शन मँगाए हैं उनको इन्ही इन्जेक्शन के साथ सेंट्रलाइज्ड व्यवस्था के अन्तर्गत एक जगह जैसे लालबाग के कोविड कमांड सेंटर में रख दे। अब लखनऊ में जो लगभग 30-40 के करीब कोविड हॉस्पिटल हैं उनको सीधे इस कोविड कमांड सेंटर से जोड़ दीजिये। जिस हॉस्पिटल को रेमिडिसिवर की जितनी जरूरत होगी, वो उतनी संख्या में मरीज और तीमारदार के नाम के साथ इस कमांड सेंटर को मेल या मैसेज भेजेगा। अस्पतालों द्वारा भेजी गई लिस्ट को कमांड सेंटर के लोग किसी भी रैंडम नम्बर पर कॉल करके शाम में तीमारदारों से वेरिफाई भी कर लें कि क्या आपके मरीज को इन्जेक्शन लग गया है। इससे गड़बड़ी की आशंका कम रहेगी।

जो लोग होम आइसोलेशन में है और उन्हें रेमिडिसिवर की जरूरत है उनके लिए लखनऊ में एक स्पेशल नम्बर जारी हो जाये जिस पर मरीज अपने डॉक्टर के फोन नम्बर सहित प्रिस्क्रिप्शन वाले पर्चे को भेज कर रेमिडिसिवर की होम डिलीवरी ले सकता हो। जिस डॉक्टर का नम्बर पर्चे पर हो उसके पास भी कोविड कमांड सेंटर से फोन करके तस्दीक होनी चाहिए।

पूरी तैयारी के साथ ये प्रक्रिया केवल 24 घंटे में की जा सकती है।

लेखक रूद्र प्रताप दुबे जाने माने पत्रकार है

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