स्वास्थ्य

ये मक्खन नहीं सबसे घटिया पाम आयल से बनी मार्जरीन है, सोच समझकर खाएं

Shiv Kumar Mishra
7 Dec 2022 4:52 PM GMT
ये मक्खन नहीं सबसे घटिया पाम आयल से बनी मार्जरीन है, सोच समझकर खाएं
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ये मक्खन नहीं सबसे घटिया पाम आयल से बनी मार्जरीन है. बटर टोस्ट, दाल मखनी, बटर ऑमलेट, परांठे, पाव भाजी, अमृतसरी कुल्चे, शाही पनीर, बटर चिकन और ना जाने कितने ही व्यंजनों में इसे डेयरी बटर की जगह इस्तेमाल किया जा रहा है.

आजकल किसी भी ढाबे पर जाओ मक्खन दिल खोल कर खिला रहा है. खाने के साथ कटोरी में या परांठों के ऊपर मक्खन के बड़े से क्यूब रख दिए जाते हैं या फिर इस मक्खन को दाल और सब्जियों के ऊपर गार्निश की तरह डाल दिया जाता है.

खाने वाले गदगद हो जाते हैं की देखो क्या कमाल का होटल है पूरा पैसा वसूल करवा रहा है. ये मक्खन नहीं सबसे घटिया पाम आयल से बनी मार्जरीन है. बटर टोस्ट, दाल मखनी, बटर ऑमलेट, परांठे, पाव भाजी, अमृतसरी कुल्चे, शाही पनीर, बटर चिकन और ना जाने कितने ही व्यंजनों में इसे डेयरी बटर की जगह इस्तेमाल किया जा रहा है और आपसे दाम वसूले जा रहे हैं डेयरी बटर के.

कुछ लोगों को ढाबे पर दाल में मक्खन का तड़का लगवाने और रोटियों को मक्खन से चुपड़वा कर खाने की आदत होती है. उनकी तड़का दाल और बटर रोटी में भी यही घटिया मार्जरीन होती है. लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए इसे जीरो कैलेस्ट्रोल का खिताब भी हासिल है. क्योंकि मेडिकल लॉबी ने लोगों के दिमाग में ठूंस दिया है कि बैड कोलेस्ट्रॉल ह्रदय घात का प्रमुख कारण है. इसीलिये आजकल जिस भी चीज पर जीरो कोलेस्ट्रॉल लिखा होता है जनता उसे तुरंत खरीद लेती है.

इस प्रकार के उत्पाद जो किसी असली चीज का भ्रम देते हैं उनपर सरकार को कोई ठोस नियम बनाना चाहिए. सरकार को चाहिये इस मार्जरीन का रंग डेयरी बटर के रंग सफ़ेद और हल्के पीले के स्थान पर भूरा आदि करने का नियम बनाये जिससे लोगों को इस उत्पाद को पहचानने में सुविधा हो ताकि उन्हें मक्खन के नाम पर कोई मार्जरीन ना खिला सके.

आप मार्जरीन के बारे मे और अधिक गूगल पर सर्च कर सकते है यह मक्खन नही है। घर का बना मख्खन ही उतम है यदि बजारी ही खाना है तो अमूल बेहतर है.

Shiv Kumar Mishra

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